लो आ गया एक और नया वैरिएंट।
कोरोना का एक्सइ कप्पा वैरिएंट।।
अभी मिले मुम्बई में इसके 2 केश।
देखो कितने और हैं बढ़ते ये केश।।
धीरे-धीरे फिर फैलेगा यह पूरा देश।
कैसी बीमारी आई मिटे ना क्लेश।।
कभी किसी ने सोचा ना ऐसा होगा।
हर वर्ष 2020से थोड़ा ऐसा होगा।।
कभी डेल्टा गामा ओमिक्रोन होगा।
अबये वैरिएंट एक्सइ कप्पा होगा।।
हे!देवी माँ अब इसे नवरात्र में मारो।
कोई नया संकट न आये सब टारो।।
कोरोना ने कितने इंसानों को खोया।
इतना रोया जितना कभी ना रोया।।
मुझे नहीं लगता ये जाएगी बीमारी।
वायरस चीनी लैब बनाया बीमारी।।
रूप बदल कर बार-बार यह आता।
कुछको चपेट में लेकर यह जाता।।
इससे बचो भैया ये मास्क लगाओ।
यह अस्त्र है इसका सदा लगाओ।।
जीवन से बढ़ कर कुछ ना होता है।
कोरोना काभी प्रोटोकाल होता है।।
उसका पालन करो बच कर रहना।
इसीके संग अब जीना व है रहना।।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पीबी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
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