#रश्मिरथी सप्ताहिक प्रतियोगिता के लिए

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कब तक रहे कोई खामोश भी यहाँ

अब हमसे चुप रहा जाता भी नहीं ,

हर जवाब है हर एक सवाल का पर

किसी कारण वश कहा जाता नहीं ।

क्यों सोचते है हम पहले दुनिया की

जब मुश्किल में कोई समझता नहीं ,

हर कदम पर किस लिए ये पहरा भी

जब बुरे नियत से हमें कोई बचाता नहीं ।

जब भी चुना हमने खुशियाँ अपनी

समाज तो कभी अपनों को भाया नहीं ,

आज भी बंद है मुस्कान रीते दीवारों में

घुटते है दम खुलकर सांस लिया जाता नहीं ।

क्यों दे हर बार परीक्षा हम ही जो स्त्री है

क्या गुन्हा है जो हमें कोई समझ पाता नहीं ,

छोड़ दो अब ये कहना “लोग क्या कहेगे “

इसी आढ़ में लड़कियों को इंसाफ मिलता नहीं ।

बहुत होगया देना आहुति बेटियों की अब

दिखा दो शक्ति रूप, है अब कभी डरना नहीं ,

होने नही देना असर दुनिया के बातो का “नैना

“याद रखना सदा जो गरजते है वो बरसते नहीं ।।

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Naina✍️✍️✍️

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One thought on “ЁЯТзтЪбя╕ПрдЬреЛ рдЧрд░рдЬрддреЗ рд╣реИ рд╡реЛ рдмрд░рд╕рддреЗ рдирд╣реАрдВ тЪбя╕ПЁЯТз”
  1. Bahut hi khubsurat likhi hain mam aap…
    Ek nyi pidhi ki Sikh dene ke liye umda lekhan
    And m sorry ЁЯЩП mam yahan ki system ki wajah se ye 3 star chali gyi ЁЯджЁЯдж…

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