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बरसों से आँख बिछाये बैठी राहो मे
की कब आएंगे लौट कर प्रीतम हमारे
दिल मे खुशियों का ठिकाना न रहा ज़ब
सुना की मेरे नाम की डाकिया डाक लाया है
शुद्ध बुद्ध खोये लहरा के दौड़ी आँगन मे
आया है सन्देश उनका झूमा है दिल बहारों मे
कब से तरस गए थे सुनने को हम जिस बात को
आज सुना की मेरे नाम की डाकिया डाक लाया है
सदियों बाद उनके हाले राज़ पड़ेगे हम दिल से
जरूर लिखें होंगे की कितना तड़पते है वो भी यूँ दूर से
जल्दी से देजा ओ डाकिया खत हमारे सनम की
जो इतने बरसो बाद मेरे नाम की डाकिया डाक लाया है
देख लो ए नज़ारो आज उनको हमारी ख्याल आयी
ये सोचकर ही दिल के धड़कन मे शहनाई गूंज रही
लगता है जैसे इस खत के रूप मे मेरे सनम आए
बता ए हवा ये कैसा अहसास लेकर ये बहार आया है
अचानक से क्यों शोर मचाई पायल मेरी
क्यों खनक रही बेचैनी से कलाई मे चुडिया रंगीन
गालो से आज फिर छेड़खानी की कानो की झुमके
की बता हमें भी जो तेरे नाम डाकिया डाक लाया है
होंठ मुस्कुराई शरम से झुकी पलकें हमारे
जैसे सामने खड़े हो खत की जगह सनम मेरे
चुपके से जो हवा ने मेरी खुली ज़ुल्फ सहलाई
जैसे मेरी परदेशी सनम ने हमारी ज़ुल्फ को संवारा है
मुश्किल से धड़कन को संभाले बैठी झूले पे खत लिए
दिल मे आस मोहब्बत की आँखों मे कयी ख्वाब लिए
बहुत सुकून मिला पढ़के उनके सलामती के दाँसता
जो इतने बरसो बाद मेरे नाम की डाकिया डाक लाया है
पढ़ते पढ़ते मेरे इन आँखों मे जो दरिया भर आयी
रुका नहीं पलकों मे गालो से होकर आँचल भिगो डाली
नहीं रहा होश ज़िन्दगी की जैसे मौत खडा है सामने मेरे
की इतना बिरह भरी मेरे लिए डाकिया डाक लाया है
इतना बेरहम कैसे हुए वो हमदम हमारे ए खुदा
एक बार भी नहीं पूछा की नैना के क्या हाल है तेरा
इसके आगे क्या कहु मेरी ज़िन्दगी के आख़री सांस लिखा है
की भूल जाओ हमें तुझसे बेहतर हमने यहाँ एक दुनिया बसा लिया है
जाते जाते डाकिया मेरे एक सन्देश लेते जाना
मेरे उस हरजाई के नाम आख़री पैगाम लेते जाना
ए खत उन्हें मेरे दिल के हज़ार तुड़के की आईना देख देना
उनके नए जीवन की बधाई के साथ
बता देना मेरे सनम को की उनकी दीवानी मौत को गले लगा लिया है….!!
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नैना…. ✍️✍️