नम है आँखे उन सतियों पर,
गर्व जिनसे मेवाड़ पर।
जॉ न्यौछावर करदी जिनने,
मातृभोम के नाम पर।
खुद ही ज्वाला बन बैठी,
देश के सम्मान पर।
याद दिलाती आज धरा,
उनके बलिदान पर।
नमन करे और दे श्रद्धांजलि,
वीरांगनाओ के स्थान पर ।
संध्या पंवार मेवाड़
जय चित्तौड़ जय एकलिंग