#सप्ताहिक प्रतयोगिता के लिए

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ना जाने क्या होगा इन दुनिया का

जहाँ देखो वहाँ छल -कपट जारी है

नही रहा थोड़ी सी इंसानियत दिलो में

जहाँ से भी गुज़रो धोखादड़ी जारी है!

पिता की फैसले पर बेटे को यकीं नही

माँ की कद्र नही पत्नी हुई महारानी है

छल -कपट से लिया हस्ताक्षर कागज़ पे

गैर तो गैर अपनों से भी दुश्मनी जारी है!

बरसो से बचाते आए आत्मसम्मान जो

क्यों उनके स्वाभिमान को रौंदी जाती है

लेकर कोरोडो दौलत बहू को लाये घर में

पर चार दीवारी में उन्हें जलाना भी जारी है!

अपनों के विश्वास पर निकलती है घर से

कैसे बचे जो हर मोड़ पे खड़ा बलत्कारी है

उनको तो कोई सज़ा नही देते लोग दुनिया पर

लड़कियों को ही बच्चलन कहना जारी है!

बहुत होगया सहना जुर्म ऊन दरिंदो का

हमें ख़तम करना होगा अत्याचार की कहानी है

देंने होंगे जवाब जैसे को तैसा हर गुन्हेगारो को

बहुत हुए नाइंसाफी अब इंसाफ होने की बारी है!!

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Naina✍️✍️✍️

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One thought on “ЁЯНБЁЯМ╝рдЬреИрд╕реЗ рдХреЛ рддреИрд╕рд╛ЁЯМ╝ЁЯНБ”
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