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आशंत मन ज़िन्दगी के अहम् हिस्सा होता हैं
जो हर कोई इसके राहो से अक्सर गुज़रता हैं
ना सूझता हैं कोई राह, ऊन उलझनो की डगर मे
बस ज़िन्दगी से हमें ही अनकही सवाल होता हैं
क्यूँ राहें गुम हुई, क्यूँ ज़िन्दगी तन्हा होगया हमारा
किससे गिला करें हम, कौन हैं कुसूरवार यहा हमारा
उठता रहता हैं कोई सैलाब सी दिल मे हमारे दर्द की
उफ्फ तक नहीं कर पाते हैं जो होठ खामोश होता हैं
आँखों मे बेचैनी की झलक व धड़कनो मे तूफान कोई
कोई देख न ले आँसू भी तन्हाई मे अक्सर रोना होता हैं
चहरे पर शांति सा भाव लिए अपने ज़ख्मो को छुपाना
बिखर गए कितने लोग,ये बहुत मुश्किल का काम होता हैं
हर तरफ अपनों की काफिला, चाहे लाखो की भीड़ हो
अनकही खुशियों मे भी जाने क्यूँ दिल उदास रहता हैं
ढूंढ़ते रह जाते हैं जवाब ज़िन्दगी के पर मिलता नहीं कुछ
कौन जाने इस ज़िन्दगी का कब कैसा हालात बन जाता हैं 
ना किस्मत रहम खाती हैं हमारी ना दुआओ मे असर कोई 
दूर दूर तक राहे ज़िन्दगी मे बस अंधेरा ही अंधेरा होता हैं
तलाश होती हैं हर किसीको बस छोटी सी आशा की किरण का
दिख जाए एक कतरा रौशनी भी, “नैना “तो हर मुश्किल आसान होता हैं….!!
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नैना… ✍️✍️✍️
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