शादी का लड्डू सिर्फ एक मिठाई नहीं है
इतनी आसन इसकी कहानी नहीं है
बहुत राज़ छुपा है इसके मोतियों मे
इसे समझना भी कोई इतना आसान नहीं है
जैसे कई बूंदो को जोड़ कर एक लड्डू बनता है
चीनी के चाशनी मे इसे डुबोना भी पढ़ता है
तब जाकर घुलता है मिठास इसके रग रग मे
इसे समझना भी कोई इतना आसान नहीं है
हमारे ज़िन्दगी का भी यही एक गुण होता है
हज़ारो रिश्तों को जोड़े रखना भी एक कला होता है
बांधे रखते है जो अपने जीवन की मिठास से हर एक को
वो रिश्ता जैसा भी हो कभी बिखरता नहीं है
जिस तरह थोड़ी मिठा कम से लड्डू बिखर जाते है
उसी तरह दिलो मे विश्वास न हो तो रिश्ते बिखर जाते है
जोड़कर रखना पढ़ता है एक एक को अपने दिल के बंधन से
जो इसे समझना भी कोई इतना आसान नहीं है
दो दिल, दो ज़िन्दगिया और परिवारों का संगम होता है
जाने कितने रिश्ते एक डोर मे बंध जाते जो एक शादी होता है
हर किसी के चहरे पर झलकता है खुशी का अहसास
जिसका कल्पना भी करना इतना आसान नहीं है
कई लोगो से सुना है मुश्किल भरी कहानी
ये शादी का लड्डू भी कहाँ हर किसी को रास आयी
लगता है प्रीतम ज़िन्दगी मे अब सम्भल कर रहना होगा
क्योकि अब तक तुमने भी शादी का लड्डू खाया नहीं है….!!,,,,,,,,
,,,,,,,,,,स्वरचित🧆🧆🧆🧆🧆🧆🧆
प्रितम वर्मा🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹