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कभी नहीं भूल पाते है हम ज़िन्दगी मे 
वो बचपन की सपनो से भी सुन्दर यादें
छोटी छोटी शरारते और वो अल्हड़पन से 
सबके दिल मे खास जगह होते थे हमारे
माँ की हूँ प्यारी गुड़िया पापा की राजकुमारी
भईया के आँखों के तारा बहनो की जानसे प्यारी
जान है वो बचपन से जो उमर हमसे छोटा है
कभी भी हमें अहसास नहीं हुआ की वो भाई हमसे छोटा है
साथ साथ खेले हम बचपन मे खेल सुहाने
खाना पिना साथ मे ही सुनते थे माँ से कहानी
आज तक हमारे बिच कभी जो कम न हुआ
इतना गहरा विश्वास हम दोनों के ज़िन्दगी मे है
होठों पर लिए मुश्कान हँसी आँखों मे छायी मस्ती
ज़ब ज़ब याद आती है हमें वो बचपन की मस्ती
वो माँ के आँचल मे चुपके से आकर छुप जाना हमारा
ज़ब ज़ब पापा के सामने शरारत पकडे जाते थे
वो सुबह सुबह स्कूल के लिए घर से निकलना हमारा
और साथ हाथ पकडे वापस घर लौट आया करते थे
खिल जाती थीं मुस्कान हर होठों पर हमारे चंचलता पर
ज़ब कोई हरकत अनोखी हम साथ मे किया करते थे
दिल मे उदासी और होठों पर मुस्कान खिली होता है
ज़ब ज़ब पापा की प्यार भरी यादें इस दिल से गुज़रता है
थे हम थोड़े लापरवाह बचपन की दिनों मे अपनी
हर पल मेरी ज़िन्दगी का परवाह हमारे पापा किया करते थे
स्कूल जाते वक़्त ऊँगली थामे वो रोड पार करवाना
ज़ब मौसम बारिश का हो तो छूटी से पहले छाता लेकर आजाना
बहुत ख्याल रहता था उन्हें हमारे खुशी और सपनो का
हमारी आँखों मे ख्वाब सिर्फ उनके दी हौसले से सजते थे
ज़ब तक थे वो साथ हमारे गम क्या है नहीं जाने थे हम
कैसे छीन ली किस्मत ने हमसे जिस प्यार के भूखे थे हम
कोई भी ख्वाब देखने से पलकें जो डरते है ज़िन्दगी मे
तब तब पापा की कमी ज़िन्दगी मे हमें बहुत खलती है 
बहुत खुशकिस्मत भी है हम जो ईश्वर ने ऐसी माँ दिया
जिसने एकेले ही ज़िन्दगी मे माँ और पापा के प्यार साथ मे दिया
लगती है कभी देवी सी तो कभी दोस्तों की तरह शरारत करती है
हमारी सर पे हमेशा ही अपनी ममता की छाया रखती है
ना पढ़े कोई बुरी नज़र हम पर ईश्वर से हर पल दुआएं करती है
कितनी भोली है माँ मेरी जो अब तक मेरी खाने पिने की चिंता करती है
निकलू जो घर से कहीं जाने कीहज़ारो हिदायतो की झड़ी लगा देती है
हो गर मौसम बारिश का तो सबसे पहले वही हाथ मे लाकर छाता देती है
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नैना…. ✍️✍️
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