पापा की परी तो
हम भी थे कभी
पर वक्त के साथ सब-कुछ
बदल गए अब नहीं
पिता का साया है
अब तो बस अपने
बच्चों के सुपर मॉम्स
बन कर रह गए
कहा गए वो बचपन की यादें
कब हम बड़े हो गए
वक्त का कारवां
कैसे गुजरता चला गया
वक्त का लम्हा का पता नहीं
चला कब बचपन से बड़े हो गए
वो बचपन की यादों कहीं
खो गई सी है मासूमियत भरी बातें
वो बचपन की ज़िदीपन कहा
खो गई है अब तो उम्र के इस
दहलीज पर भागती दौड़ती
जिंदगी से अक्सर तन्हाई
महसूस होती है
काश वक्त थम जाता
हम लौट जाते पुराने जिंदगी
के सफर में सुबह की चाय
की प्याली चुस्की पापा मम्मी
बहनों के संग पीते
गप्पे हांकते मस्ती करते
बीते वक्त की कुछ बातें करते
अब तो बस पापा यादों में रह गए
अब तो बस पापा के साथ
वक्त बिताये लम्हे की याद आते हैं
अंतिम उम्र के पड़ाव पर
सबको छोड़कर जाना ही पड़ता है
पर बीते वक्त की याद बहुत आती है
अब तो अपने बच्चों में ही
खुद का बचपना छलकता है
होठों पर मुस्कान उनकी
खुशी , शरारतें को देखकर
खुद ही देख कर आ जाती है
जिंदगी तो वक़्त के साथ
बदलते रहती है पर
पापा हमेशा यादों में बसे रहेगें
🙏🙏🙏🙏🙏
नाम -सपना कुमारी जिला- जहानाबाद बिहार