इस धरती से आकाश तक छाया
है नववर्ष,
सिंदूरी सी सुबह लाया है ये
नववर्ष,
सबके दिलों में खुशियाँ सी लाया
है नववर्ष,
पूरब से उड़ती हुई हवाओं में पक्षी
उड़ हैं रंगीन,
कितना ही उजयारे भरे आएं हैं
ये दिन,
झरनों की कल कल गा रही है
मधुर संगीत,
पूरब से आती सूरज की किरणें
कर रही छम छम,
पानी की लहरों पर जैसे लग रही
है कुमकुम,
शाखाओं पर निकल रहें ये पुष्प
चमकीले,
घुल फूलों की खुश्बू फिजाओं में,
कर रहीं मौसम को ये रही रंगीन,
निकल चुका है मौसम वो गमगीऩ
चहकता सा आया है ये नववर्ष,
सिंदूरी सी सुबह लाया है नववर्ष,
हर्ष उल्लास के साथ आया नववर्ष…!!!
🌹🌿स्वरचित🌹Manu s ✍️
सभी लेखकों को चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिप्रदा
की बहुत बहुत शुभकामनाएं 🙏🌹🙏