एंजिओ..
मुश्कान -तुम दोनों ने घर पर कॉल करके बताई की नहीं की आश्रम पहुंच गए।
आरती -ओ तेरी. 🙆‍♀️
राधिका -कोई न अभी कर लेते है यार। वो कोई सी बड़ी बात है। मोबाइल पर्स से निकाल कर देखा तो नेटवर्क नहीं  है यार 🤦‍♀️
आरती -हद है यार इतने दिन होगए। अभी तक यहाँ की नेटवर्क सही नहीं हुआ। पता नहीं कब तक ऑफिस की फ़ोन इस्तेमाल करना होगा जरूरत के लिए। 🤦‍♀️
मुश्कान -हाँ सो तो है। अब खुद के बस का भी तो नहीं। चलो पहले मैम से मिल लेते है।उनके पीछे से
पूजा मैम -गुडमॉर्निंग गर्ल्स.. 😊
तीनो -गुडमॉर्निंग मैम 😊।
पूजा मैम -क्या बात है आज तो टाइम से भी पहुंच गए और ख़ुश भी।
मुश्कान -यस मैम बात ही कुछ ऐसी है तो ख़ुश होना बनता है। और रही बात टाइम से आने की तो अब हमेशा टाइम से ही पहुचे गे कोई शक़ नहीं 😊।
पूजा -nice.. लेकिन ख़ुशी की वजह हमें भी बताइये ताकि हम भी थोड़ी ख़ुश हो ले..
आरती -sure मैम कुसुम दीदी की शादी तय होगयी। एक महीने बाद की डेट है।
पूजा -wow बहुत ही खुशी की बात है। कुसुम की हमारे तरफ से भी बधाई दीजियेगा।
मुश्कान -नहीं मैम हम नहीं देंगे।
पूजा मैम -क्यूँ..?
मुश्कान -क्योकि आप खुद से बधाई और आशीर्वाद देगी।कुसुम दी यहाँ आने की बात कहीं है। किसी दिन आएगी हमारी यहाँ की फॅमिली से मिलने 🤗।
पूजा मैम -ये तो और भी अच्छी बात है मुश्कान। और हाँ एक बात हमें भी आप सबको बतानी थीं।
राधिका -हाँ मैम बोलिये..।
पूजा मैम -यही की ये नेटवर्क प्रॉब्लम बस कुछ ही दिनों तक रहेगी। क्योकि आज से ही काम शुरू होरहा है टॉवर की।
आरती -wow इसका मतलब आख़री 3 या 4 दिन..?
पूजा मैम -हाँ वैसे आप तीनो आज बहुत ही खूबसूरत लग रही हो इन same सूट मे।
तीनो एक साथ -शुक्रिया मेम।
पूजा -ख़ुश रहिये। 😊और जाईये अपने फॅमिली से मिलिए पीहू कब से शोर मचाई हुई है। पता नहीं क्यूँ और किसी को कुछ बता भी नहीं रही है। मुश्कान परेशान होते हुए
मुश्कान -ठीक है मैम हम देखते है। तीनो दौड़ती हुए एक रूम के तरफ भागी। रूम मे जाकर देखा तो पूरा कमरा का समान हर तरफ बिखरा पढ़ा। और पीहू बेड पर हाथ पैर पीटते हुए
पीहू -हमें कुछ नहीं चाहिए, जाओ यहासे, जाओ जाओ.. बोली जारही थीं और रो भी रही थीं।मुश्कान जल्दी से जाकर पीहू को सीने से लगाते हुए
मुश्कान -पीहू… क्या हुआ मेरी बेबी को? क्यूँ रोरही है?
पीहू -नहीं बताना हमें आप भी जाओ 😥
मुश्कान -नहीं हम नहीं जारहे कहीं ज़ब तक हमाली पीहू ये नहीं बता देती की वो हमसे नालाज क्यूँ है।
पीहू – आछा… आप नहीं जाओगी..?
मुश्कान -नहीं… अब हम भी रोयेंगे आपकी तरह ही..। पीहू हमसे कुछ नहीं बता रही न.?
पीहू -दीदी… ☹️मिहिर.. भईया है न..?
मुश्कान -हाँ क्या हुआ मिहिर भईया को..? बताइये हमें
पीहू -उन्हें कुछ नहीं हुआ। बल्कि वो हमाली बाबू डॉल को आज तोल दिया। इतना बोलकर वो फिरसे रोने लगी…
मुश्कान -पीहू के आँसू पोछते हुए बस इतनी सी बात..? धत्त तेरिकी 🤦‍♀️। पीहू रोना छोड़कर मुश्कान की बाते ध्यान से सुनने लगी और साथ मे पूजा मैम, आरती, राधिका और आश्रम के कुछ सर्वेट और बच्चे भी थे। तो मुश्कान आगे बोलना शुरू किया…
  पीहू बेटा मिहिर भईया को हमने ही बोला था ऐसा करने को ताकि आपको नया बाबू डॉल हम देसके…!
पीहू-नया बाबू डॉल..? 😱
मुश्कान -हम्म्म… बोलकर वो आरती की तरफ देखी तो वो हाँ मे सर हिला कर रूम से बाहर निकल गयीं। और कुछ ही देर बाद वो अपने हाथ मे एक बड़ी सी गिफ्ट बॉक्स लिए अंदर आयी। मुश्कान को देते  हुए
आरती -ये लो मुश्कान..। स्माइल करते हुए 
मुश्कान -हाँ तो पीहू मेरी गुड़िया इसे खोलिये आप। 😊पीहू जैसे तैसे उस बॉक्स को खोला तो उसमे बहुत ही खूबसूरत और प्यारी सी एक टेडी बियर थीं जिसे देख वो बहुत ही ख़ुश होगयी और मुश्कान को kiss करते हुए..
पीहू -दिदु ये तो उस डॉल से भी प्याली है 🤗🤗
मुश्कान -हाँ बिलकुल आपकी तरह। अब चलो जल्दी से अपना दूध ख़तम करो और आज बहुत से गेम खेलेंगे साथ मे मिलकर। क्यूँ पूजा मैम ..? 😜
पूजा मैम -हाँ बिलकुल। वो इतना बोलकर धीरे से मुस्कुरा दी 😊। और बाकी सबसे आप सब अपने अपने काम पर चलिए पीहू अब ठीक है। और जल्दी सब फ्री होजाइये आज मिलकर बच्चो के साथ वक़्त बितायेगे। तभी मुश्कान की फ़ोन बजा। चैक किया तो शालिनी शो होरहा था। मुश्कान कॉल रिसीव कर लिया मुश्कान के कुछ बोलने से पहले ही फ़ोन उस साइड से
शालिनी -मुश्कान दी…. आप लोग ठीक से आश्रम पहुंच गयीं न।
मुश्कान -हाँ क्यूँ क्या हुआ शालू?
शालिनी -अरे कुछ नहीं दी आप टेंशन न लीजिएँ। वो एक्चुअली दोपहर तक दिदु और हम वहाँ आरहे है दी बता रही थीं। इसीलिए सोचा की आपको इन्फॉर्म कर दू। ख़ुश होते हुए
मुश्कान -nice शालू बिलकुल आओ और हाँ होसके तो जल्दी भी आना। क्योकि आज हम बच्चो के साथ पूरा दिन गेम खेलने वाले है सो इन्हे भी आछा लगेगा जितने अपनेपन मिले इन्हे।
शालिनी -ठीक है दिदु।हम कोशिश करके जल्दी ही आएंगे। अब रखती हूँ..
मुश्कान -ठीक है सम्भल के आना।
शालिनी -हाँ दिदु भईया के साथ ही आएंगे।
मुश्कान -तब ठीक है bye 😊
शालिनी -take care दी…। बोलकर उसने कट कर दिया। मुश्कान पीछे मुड़ी तो राधिका से टकराते हुए बची
। उसे डाटते हुए
मुश्कान -क्या कर रही है राधिका..? अभी भी नींद मे हो क्या..?
राधिका -नहीं yr आज तो नींद बहुत अच्छे से पूरा हुई है मेरी
मुश्कान -तब क्यूँ चढ़ी आरही है? 🤦‍♀️
राधिका -वो.. अच्छा ये बता किसका फ़ोन था?
मुश्कान -शालिनी का।
राधिका -सच मे? 🤔और क्या कह रही थीं वो..?
मुश्कान -कुछ घंटो मे आरही है दीदी के साथ खुद ही पूछ लेना। 😊
राधिका -ओ अच्छा..। चौकते हुए.. क्या 😳सच मे?
मुश्कान -हाँ बाबा सच मे। वैसे अच्छा ही है यार बहुत दिन होगए बच्चों के साथ ठीक से वक़्त नहीं बिताये। आज सब होंगे तो उन्हें भी बहुत आछा लगेगा। तू एक काम कर काका को बोल कर कुछ चॉक्लेट और केक मंगवा ले जो बच्चो को पंसद है।शाम को सबको केक खिला कर जायेगे।
राधिका -हाँ ये अच्छा आईडिया है और वैसे भी होसकता है शाम तक नेटवर्क भी ठीक होजाए यहाँ की। अभी देख कर आरही हूँ काम शुरू होगया है टावर की। मुश्कान उसे घूरते हुए 😣
मुश्कान -ohh अच्छा..? तू मुझे ये बता तुम्हे क्यूँ इतना जल्दी है नेटवर्क ठीक होने की..?
राधिका -बहुत जल्दी है मेरे यारा.., पता नहीं कितने दिन होगए मै अपनी प्रिन्सचामीन से चैटिंग नहीं कर पारही हूँ। मुश्कान अपना सर पकड़ते हुए 🙆‍♀️
मुश्कान -अरे यार पहले तू जा जो कहाँ है वो कर। हद होती है 🤦‍♀️। राधिका मुँह बनाते हुए
राधिका -☹️☹️😕बस एक नेटवर्क ठीक होजाने दें फिर तेरी शिकायत करती हूँ 😒।
मुश्कान -अभी मार खायेगी? 🙄। आरती ऊन दोनों की बात काटते हुए
आरती -अरे अरे बस बस बहुत होगया। राधिका तुम जाओ काका से चॉक्लेट and केक आर्डर करो। मुश्कान तुम्हे मैम केबिन मे बुला रही है। मै तब तक सबके लीए जूस तैयार करवाती हूँ। हाँ मे सर हिला कर तीनो एक एक तरफ चल दिए।
       सुमित एक तक अपनी लैपटॉप मे आँख गढाये हुवे कभी माथे की पसीने पोश रहा है तो कभी अपना सर पकड़ रहा है। और खुद से ही. अरे यार ये क्या होरहा है 🙆‍♂️सेस्टम शो क्यूँ नहीं होरहा है। बाकि सब तो सेट होगयी है कयी बार चेक कर लिया। ये नया प्रॉब्लम कहाँ से आगयी..? तभी उसकी कान मे गिटार की धुन के साथ किसी के गाने की आवाज़ सुनाई पड़ी। सुमित लैपटॉप से ध्यान हटा कर गाने की धुन सुनने की कोशिश करने लगा की ये आवाज़ कहाँ से आरही है ..।
तू जो मिला… सब मिलगया…
दिल की नमाज़े जाके पहुंची फलक से आगे
तो जाके पाया तुझको मेरे रहनुमा….
बाहो से आगे तेरे, दुनिया नहीं है मेरे
रख ले यही पे मुझको मेरे रहनुमा…
सुमित मुस्कुरा कर मन मे ही (देवी…) तभी उसकी लैपटॉप मे नोटिफिकेशन की आवाज़ आयी उसने देखा तो टाइमर सेस्टम शो होगया था और सेटिंग सक्सेसफुल दिखा रहा था तो मुस्कुराते हुए लैपटॉप साइड मे रखा और वर्कर्स को कुछ इशारा किया की सारा समान यहाँ की समेट लो अभी आता हूँ करके। और तेज़ी से उस आवाज़ के पीछा करते हुए आश्रम मे पहुंच गया जहाँ सभी बच्चों के साथ सब आँगन मे बैठे थे और ठीक उन्ही के सामने हाथ मे गिटार पर ऊँगली घुमाते हुए मुश्कान सबकी मुश्कुराहट मे खोयी गाये जारही थीं।तभी पीहू के साथ कुछ बच्चे मुश्कान के आसपास बैठ गए। मुश्कान उन्हें प्यार से देखते हुए 
गुज़री हूँ जबसे मैन तेरे दरसे
हँसने लगी खुलके मै रहबर
दर्द से तेरी रिश्ता जुड़ा तो…
अब मुश्कुराती है मेरी मंजर…
हाँ…
रबकी मुझे सौगाद है…।
दिल की नमाज़े जाके पहुंची फलक से आगे
तो जाके पाया तुझको मेरे रहनुमा….
बाहो से आगे तेरे, दुनिया नहीं है मेरे
रख ले यही पे मुझको मेरे रहनुमा…!!
       मुश्कान के रुकते ही कुछ देर माहौल मे शांति बिखर गयीं सब जैसे कहीं खोसे गए हो। लेकिन कब से जो प्यार से मुश्कान को ही निहार रही पूजा मैम ने ताली बजाने लगी तो सब भी जोरो से ताली बजाने लगे। कहें तो हर तरह हँसीन माहौल बन गयीं। वही कुछ दूर पे खड़ा सुमित मुश्कान की मुश्कुराहट आँखों मे बसाते हुए
सुमित -देवी…आपकी ये मुश्कुराहट ही मेरी ज़िन्दगी की ख़ुशी है। आपको नहीं पता की क्या हो आप हमारे लिए। लेकिन ये क्या?आपने तो अपनी ज़िन्दगी की खुशियाँ कहीं और बसा रखी हो। इसका मतलब आपकी ज़िन्दगी मे शामिल होने के लिए हमें आपकी इस दुनिया मे शामिल होना होगा।तो ठीक है हम हर कोशिश करेंगे आप तक पहुंचने के लिए और वादा है आपसे की आपसे जुड़ी हर सुख दुःख अब हमारा भी होगा।अब आपसे अपनी फीलिंग भी तभी बयां करुगा ज़ब तक हम आपकी विश्वास न बन जाए। सुमित यूही खुद से बाते कर रहा था तभी पूजा मैम की नज़र सुमित पे पड़ी तो वो सबके बीच से सुमित के पास आने लगी। सुमित उन्हें अपने पास आते देख समान्य होगया। और चहरे पर मुश्कान सजा ली। पूजा मैम उसके पास आकर 
पूजा मैम -नमस्ते 🙏।
सुमित -नमस्ते मैम 🙏.
पूजा मैम -आप वही हो न जो आज टावर की काम से आए हो..?
सुमित -जी हाँ वो हम ही है। और गुडन्यूज़ है नेटवर्क सेट होगयी है। कुछ ही देर मे फ़ोन की नेटवर्क भी आजायेगी। पूजा ख़ुश होते हुए
पूजा मैम -आछा…. एक ही दिन मे?
सुमित -जी पहले हमें भी लगा था की दो तीन दिन लग जायेगा लेकिन आछा हुआ की एक ही दिन मे सब होगया।
पूजा मैम -ये तो बहुत ही खुशी की बात है. और बहुत बहुत शुक्रिया आपका मिस्टर…?
सुमित -जी सुमित…
पूजा मैम -सुमित जी वाकई मे बहुत अच्छा काम किया है आपने। आपको पता है नेटवर्क न होने की वजह से यहाँ कितना प्रॉब्लम हुआ है। उसके लिए जितना भी धन्यवाद करें कम होगा।
सुमित -जी ऐसी कोई बात नहीं है। ये हमारे लिए भी बहुत खुशी की बात है। फिर रुक कर.. मैम अगर परमिशन हो तो हम यहाँ की बच्चो से मिलना चाहते है। सुबह से काम से busy थे तो आ नहीं पाए। जबकि हमें खुद उत्सुक था यहाँ आने की। इतना सुनकर पूजा मैम और ख़ुश होगयी और मुस्कुराते हुए
पूजा मैम -क्यूँ नहीं सुमित.. आप शौख से मिल सकते है। ये तो है ही प्यार और अपनेपन की भूखे। इन्हे जितना भी प्यार मिले कम लगता है।और इन्हे ख़ुश रखने के लिए हमारे आश्रम की मेम्बर्स हर दिन कुछ न कुछ नया करती रहती है जिससे इन मासूम बच्चों के चहरे पर ख़ुशी की मुश्कान देख सके।जैसे की आज सुबह से बच्चो के साथ मिलकर सब गेम खेल रही थीं और उनकी ज़िद्द करने पर संगीत का गाना.. 😊
सुमित -ओ… ये बात है?मुझे लगा की आज कोई ख़ास दिन है क्या..?
पूजा मैम -जी ऐसा ही समझिये। यहाँ तीन ऐसी शख्स है जो हर पल को ख़ास बनाती है। आईये सबसे मिलाते है साथ ही बच्चो से भी। सुमित हाँ मे सर हिला कर उनके पीछे चल दिया।
  अभी भी सारे बच्चो के साथ सब खेल रही थीं। जिसमे कुसुम, शालिनी, राधिका, आरती, मुश्कान और आश्रम के कुछ और सर्वेंट भी थे। आश्रम के गाडर्न मे हर बिखरी उस ख़ुशी की माहौल को देख सुमित भी दिल मे सुकून भर रहा था। पूजा मैम सुमित को मुस्कुराते हुए देख
पूजा मैम -क्या सोच रहे है..?
सुमित -बच्चो के साथ सबको गुम देखते हुए बचपन की ज़िन्दगी भी कितना अनोखा होता है न मैम।
पूजा मैम -जी हाँ बिलकुल। आईये सबसे मिलवाते है..
सुमित -आ.. मैम एक मिनट.
पूजा मैम -क्या हुआ कोई प्रॉब्लम..?
सुमित -नहीं कोई प्रॉब्लम नहीं है पर इनसे मिलने से पहले हम इन बच्चो के लिए कुछ डोनेट करना चाहते है। पूजा मैम सुमित को ध्यान से देखते हुए
पूजा मैम -मतलब हम समझें नहीं।
सुमित -मैम हम दिल से कुछ करना चाहते है बच्चो के लिए शुरुआत एक छोटी सी डोनेशन के साथ करना चाहते है. और वैसे भी हमें बच्चे बहुत अच्छे लगते है। तो प्लीज् हमें ये अवसर दीजिये। पूजा सुमित की बात सुनकर मुस्कुरा दी और अपनी केबीन के तरफ इशारा करते हुए
पूजा मैम -sir.. आप आईये हमारे साथ।
सुमित -pls मैम हम आपके बेटे जैसे ही है तो आप हमें नाम से ही बुला सकती है या बेटा भी कह लीजिए लेकिन sir कह कर हमें शर्मिंदा न करे 🙏।पूजा मैम मुस्कुराते हुए
पूजा मैम -ठीक है बेटा आईये अपना फॉर्म भर दीजिये।
सुमित -ठीक है मैम।बोलकर वो दोनों पूजा मैम की केबीन मे आगए। और ये राधिका ने गौर किया था वो बार बार ऑफिस के तरफ देखे जारही थीं। आरती उसे टोकते हुए
आरती -oyye.. तुम्हे क्या हुआ? कब से देख रही हूँ तेरा ध्यान कहीं लगा हुआ है।
राधिका -आरती लगता है इन मासूमों पर आज फिर किसीको प्यार आया है।
आरती -मतलब?
राधिका -कुछ देर वेट कर खुद समझ जाएगी।
आरती -ok अभी चल केक लेकर आते है। सबका मूड आछा है अभी तो केक खाकर और भी मीठा कर लेते है।
राधिका -सही कहाँ तुमने चल। शालिनी दोनों के साथ भागते हुए
शालिनी -दी.. हम भी चले आपके साथ?
राधिका -ये भी पूछने वाली बात है पागल 🤦‍♀️चल..। तीनो केक लाने के लिए एक रूम के तरफ चल दी। मुश्कान उन्हें जाते देख बच्चो से
मुश्कान -तो हमारे प्यारे प्यारे बच्चों.. सब कितने ख़ुश हुए आज एक एक करके बताओ हमें। और हाँ आज हम अपनी आँख नहीं बंद करेगें क्योकि आज हम देखना चाहते है की हमारी प्यारे प्यारे राजकुमारी और राजकुमार कितने ख़ुश है। इतना कह कर वो मुश्कुराते हुए सबके बिच बैठ गयीं। कुसुम कभी मुश्कान तो कभी सारे बच्चो को ध्यान से देखने लगी तभी सारे बच्चे एक एक करके मुश्कान को किस करने लगे। जिसे देख कुसुम की चेहरा भी खुशी से खिल गयीं। और मन ही मन कहाँ..
कुसुम -मुश्कान… मेरी बहन तू जहाँ रहेगी न और जिसके भी ज़िन्दगी मे रहेगी वहाँ ऐसी ही सुकून से भरी खुशियाँ बिखरती रहेगी। ईश्वर करें तम्हारे ज़िन्दगी मे भी हर एक ख़ुशी, हर पल सुकून से भरे हो। तभी किसीके चीखने की आवाज़ से कुसुम की ध्यान बच्चो की तरफ गया तो देखा की एक तरफ से पीहू और दूसरे तरफ से मिहिर मुश्कान को कसके पकडे है और मुश्कान को दांत से काटने की कोशिश कर रहे है। या ये कहें की अपनी प्यार और खुशी जाहिर करने मे दोनों के बीच शर्त लगा हो. 🤦‍♀️मुश्कान दोनों से बचने के लिए ही अपनी दोनों गाल हाथ से ढकते हुए चीला पड़ी थीं।सुमित के साथ पूजा मैम सबके पास आते हुए कुसुम से..
पूजा मैम -क्या हुआ कुसुम बेटा..? कहीं डर तो नहीं गयीं आप?
कुसुम -नहीं मैम.. वो कुछ कहते हुए रुक गयीं ज़ब उसकी नज़र सुमित पर पड़ी तो।
पूजा मैम -क्या हुआ कुसुम बोलिये।कुसुम बच्चो के साथ खेल रही मुश्कान जो देखते हुए
कुसुम -कुछ नहीं मैम बस ऐसी दिर्ष्य हमें कभी कभार ही देखने को मिलता है।
पूजा मैम -वो आपके लिए होगा कुसुम हमारे लिए नहीं। क्योकि हम तो हर रोज़ ऐसी अल्हर्ड खेल देखते और महसूस करते है। कुसुम मुस्कुराते हुए
कुसुम -सही कहाँ आपने मैम। ये शालिनी, आरती और राधिका कहाँ गयीं..?
पूजा मैम -अपनी हाथ की घड़ी देखते हुए केक लाने गयीं होंगी। आजाए गी कुछ देर मे आप टेंशन न लीजिए।
सुमित -केक..?
पूजा मैम -हाँ बेटा केक। बच्चो को इशारा करते हुए.. इनकी ये प्यारी मुस्कुराहट की सेलिब्रेशन है. 😊।
सुमित -wow😍
पूजा मैम -आईये हमारे साथ बोलकर वो बच्चो के पास आगयी जो कभी पीहू से तो कभी मिहिर से अपनी दोनों गाल बचा रही थीं लेकिन दोनों ही हार नहीं मान रहे थे पूरी कोशिश कर रहे थे की मुश्कान की हाथ हटाने की। उन्हें देख कर तो पूजा मैम हँस ही रही थीं साथ मे कुसुम और सुमित भी थे। कुसुम मिहिर को गोद मे उठाते हुए
कुसुम -अरे ये क्या मिहिर भईया सारा प्यार अपनी दीदी पर ही लुटा दोंगे? थोड़ा प्यार हमें भी दीजिए हम भी है यहाँ। उसकी बात सुनकर मुश्कान भी खड़ी होना चाही लेकिन पीहू की नरम हाथो ने फिरसे पकड़ लिया और उसकी गाल अपनी दोनों हाथो मे लेते हुए
पीहू -हाँ कुसुम दीदी.. आप मिहिर भईया को प्याल कलो हम अपनी दीदी से प्याल कलेंगे..। बोलकर वो मुश्कान की दोनो गालो पर किस कर लिया। जिसे देख जहाँ मिहिर का मुँह बन गया ☹️वही बाकी सब हँसने लगे। सुमित प्यार से मुश्कान को देखते हुए
सुमित -कितनी प्यारी 😍है न..?उसकी बात सुनकर पूजा मैम और कुसुम दोनों ही सुमित को देखने लगी…।।
क्रमशः : 🙏🙏🙏🙏🙏
नैना… ✍️✍️😍
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