सुमित की फॅमिली सब बैठ कर खाना खारहे होते है तभी तेज़ी से सुमित अपने रूम से बाहर आते हुए संगीता से
सुमित -भाभी खाना लगाइये हमारे लिए भी बहुत जोर की भूख लगी है। संगीता उसके लिए प्लेट लगाने लगती है विमला सुमित को ध्यान से देखते हुए उससे बोलती है
विमला -क्या बात है बेटा आज ज्यादा थक गए हो क्या? या तबियत ठीक नहीं है तुम्हारा? सुमित चेयर पर बैठते हुए बेफिक्र सा
सुमित -नहीं माँ ऐसी कोई बात नहीं है हम तो बिलकुल ठीक है। वैसे आप ऐसे क्यूँ पूछ रही है?
विमला -वो इसलिए बेटा क्योकि हर रोज़ की तरह आज आपकी हरकते नहीं है। वैसे तो रोज़ आते ही घर मे शोर मचा देते हो। हर किसीको खोजते थे लेकिन आज आते ही सीधा अपने कमरे मे चले गए। ना किसीसे बात की नाही किसीका खोज….? यहाँ तक की हमें भी नहीं ढूंडा क्यूँ… बेटा..? सब ठीक है ना?सुमित को अहसास हुआ की सच मे आज किसीसे भी बात नहीं किया ज़ब की आज घर पे सब थे। वो सबके तरफ देखते हुए
सुमित -हम माँ सब ठीक है। और sorry की आज किसीसे बात नहीं की, अबसे ऐसा कभी नहीं होगा 🙏। कृष्णा मुस्कुराते हुए
कृष्णा -कोई बात नहीं बेटा। वैसे काम कैसा चल रहा है तुम्हारा..?
सुमित -बहुत अच्छा डैड 😊
कृष्णा -चलो अच्छी बात है। लेकिन बेटा कब तक दुसरो की नौकरी करते रहोगे। खुद का बिज़नेस है भईया के साथ हाथ शामिल होजाओ तो ये सबसे बेहतर होगा न.? सुमित सामान्य होते हुए
सुमित -डैड.. ये मेरे लिए नौकरी नहीं है। सच कहें तो मेरे लिए ये एक ट्रैंनिंग है। कुछ नया सिखने की life मे। हमने जितना भी पढ़ा है. जितना भी समझा है ज़िन्दगी मे कुछ करने की, कुछ बनने की ये जॉब हमारे लिए वो सीढ़ी जैसा है। इसीलिए हमें अच्छा लगता है करने मे डैड…। और हाँ डैड जिस दिन हमें जरा सा भी लगा की ये जॉब मेरे लिए खुशी नहीं मज़बूरी बनने लगा उसी दिन सुमित इस जॉब से रिजाइन कर देगा ये वादा है आप सबसे।संजय मुस्कुराते हुए
संजय -ठीक भाई जैसा तुम्हे ठीक लगे। अब कोई तुम्हे कुछ नहीं कहेगा। तुम जैसे चाहो, जिसमे तुम्हे खुशी मिले वही करो हम तुम्हारे साथ है 😊।
सुमित -thankq भईया 😊।ok good night to all 🙏
हमारा खाना होगया है सुबह मिलते है बोलकर वो जैसे ही मुड़ा संगीता उसे टोकते हुए
संगीता -अरे अरे… ये क्या सुमित भईया…?
सुमित – क्या हुआ भाभी..?
संगीता -खाना तो अच्छे से और पूरा खलीजिए।
सुमित -खालिया है भाभी।
संगीता -मतलब..? कहीं बाहर भी खाना खाकर आए है क्या?
सुमित -नहीं भाभी बस इससे ज्यादा अब खाया नहीं जायेगा। Good night 😊। बोलकर वो फिरसे अपने रूम मे चला गया। कृष्णा संजय से
कृष्णा -संजय बेटे..!
संजय -हाँ पापा..
कृष्णा -क्या होरहा है ये सब..? हम कुछ समझ नहीं पारहे है बेटा। अब खाना भी कम होने लगा जनाब की।
संजय -पापा हमारा सुमित समझदार लड़का है। इतना तो आप भी यकीं करते है न। और रही बात उसकी ये अजीबो गरिब हरकतों की तो इसका पता हम जल्दी लगा लेंगे। फिर संगीता से आप अपनी देवर की हाल चाल भी पूछ लिया कीजिये क्योकि आपसे बहुत हद तक बाते share करता है।
संगीता -जी…।
विमला -मुझे तो समझ ही नहीं आरहा है की हो क्या गया है मेरे बेटे को। 🙆‍♀️संजय समझाते हुए
संजय -माँ आप टेंशन मत लीजिए ज्यादा हम कल ही बात करते है उससे फिलहाल आज कुछ बात करना बे असर ही होगा क्योकि good night बोलकर गया है।
विमला -ठीक है। बहू तुम भी जल्दी से काम ख़तम करके आराम करो हम भी चलते है।
संगीता -जी माँ। शुभरात्रि 🙏🙏
विमला -शुभरात्रि बेटा…।बोलकर सब अपने अपने कमरे मे चले गए सांगिता किचन की काम ख़तम करने लगी। सुमित अपने कमरे मे बैठा लैपटॉप पे आंखें गढाये बैठा है। तभी उसे अचानक से याद आया की फ़ोन off कर रखा है। झट से ऑन किया तो मोहन और राज की कयी मिसकॉल आए हुए थे और msgs भी… ये देख उसने अपना सर पकड़ लिया 🤦‍♂️🙆‍♂️। तभी फिरसे उसका फ़ोन बजा देखा तो राज… रिसीव करते ही
राज -हद करते हो सुमित आजकल तुम भी, कबसे हम कॉल try कर रहे है, फ़ोन off क्यूँ जारहा है तुम्हारा? कर क्या रहा है तू..? सुमित अपना एक हाथ से कान ढकते हुए
सुमित -अरे yr एक साथ इतना सवाल..?। पहले पानी पिले तू जल्दी…। राज चिढ़ते हुए
राज -हाँ अब यही रह गया है तुम्हे कहने के लिए.?
सुमित -sorry yr फ़ोन off करके भूल गया था ऑन करने को। बताओ तुम लोगो ने खाना खालिया?
राज -हाँ खालिया। लेकिन तुम कबसे फ़ोन off करने लगे? आजसे पहले तो कभी नहीं हुआ ऐसा?
सुमित -होता है होता है दोस्त, ज़िन्दगी मे बहुत कुछ ऐसा होता है जो पहली बार होता है 😉
राज -अच्छा भाई ऐसा है..?
सुमित -हाँ भाई बोलकर सुमित हँसने लगा 😃😃😃। राज भी मुस्कुराते हुए
राज -हाँ अब तुमसे ही सीखना बाकी है। और हाँ मोहन सोगया तेरा वेट करते करते मैं भी जारहा हूँ बहुत नींद आरही है। और तुम… भी आराम कर ok
सुमित -लैपटॉप को देखते हुए हाँ भाई शायद आज सुकून की नींद आएगी।
राज -बता रहा है या पूछ रहा है?
सुमित -बता रहा हूँ 😊
राज -चल तब ठीक है। Good night
सुमित -good night भाई 😴😴bye बोलकर वो फ़ोन बेड के एक साइड रख दिया और लैपटॉप  बंद करते हुए शुभरात्रि मेरी देवी  बोलकर सुमित उसे बाहो मे लिए ही लेट गया।
सुबह की 10 ऍम एंजिओ…..
  सुमित की कार तेजी से आश्रम की गेट पर रुकता है। और वो हाथ मे बहुत सारी चॉक्लेट और लाल गुलाब की एक बड़ा सा बुके लिए आश्रम मे एंट्री ली। सबसे पहले राधिका की नज़र उसपे पढ़ता है जो सर्वेंट के साथ कुछ बाते कर रही थीं। सुमित को आता देख वो रहस्यमय मुस्कुराहट लिए खुद से कहने लगी….।
राधिका -क्या बात है..? इंजीनियर साहब आज भी यहाँ.. 🤔🤔🤔वैसे नेटवर्क तो कल ही ठीक होगयी है। अब कौन सा नेटवर्क सेट करने मे है ये जनाब..? इतना बोलकर वो अपना सर हिला दिया और मुस्कुराते हुए ही सुमित को हाथ दिखा कर हाय 🙋‍♀️कहाँ। तो वो भी बदले मे हाय की इशारा की तब तक वो राधिका के कुछ नजदीक पहुंच गया था। और पास आते हुए
सुमित -good morning maidam.. 😊
राधिका -very गुडमॉर्निंग 😊..। वैसे खुशी हुई देख कर की कल जानपहचान हुई इस परिवार से और आज आप मिलने भी आगए 👌👌।
सुमित -जी बिलकुल। वादा किया है तो निभाना हमारा फ़र्ज़ है न..? राधिका अपनी भौए चढ़ाते हुए
राधिका -वादा….?
सुमित -हाँ जी। कल हमें अपनी प्रिंसेस को वादा किया था की हर रोज़ मिलने आएंगे। मतलब हमारी पीहू… 🤗।
राधिका – जी बहुत बढ़िया..।अब जाईये मिल लीजिए अपनी प्रिंसेस से 😊। सुमित मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गया राधिका उसे जाते देखते हुए फिर खुद से कहाँ कमाल कस बंदा है राधिका..। लेकिन कुछ गड़बड़ जरूर लग रहा और वो क्या है और क्या होसकता है.. 🤔🤔🤔। फिर अपने सर चपत लगाते हुए 🤦‍♀️चल अभी काम पर लग जा…।वही सुमित गार्डन मे पहुंच चूका था जहाँ सारे बच्चे खेल रहे थे तो कुछ बच्चे किताब लेकर बैठे हुए थे। सुमित पहले हर तरफ नज़र घुमाया फिर मुस्कुराते हुए तेज़ आवाज़ मे
सुमित -😊गुडमॉर्निंग प्रिंसेस….।आवज़ सुनकर सारे बच्चो को ध्यान सुमित पे चली गयीं.। उनके बीच खेल रही पीहू ज़ब सुमित के हाथ मे फूल और चॉक्लेट देखी तो बिना रुके सुमित के पास दौड़ आयी.। आते ही
पीहू -wow… फूल और चॉक्लेट…?
सुमित -हम्म… लेकिन पहले हमारा मॉर्निंग विश चाहिए..।पीहू उसे हग करते हुए गुडमॉर्निंग भईया… 🤗🤗🤗
सुमित -thankq मेरी प्रिंसेस 🤗🤗🤗।
पीहू -अब हमारा चॉक्लेट… 😋😋😋pls।सुमित अपनी गाल के तरफ इशारा करते हुए
सुमित -आपकी मर्ज़ी… 😉। पीहू जल्दी से सुमित को किस कर दी और मासूमियत से उसे देखने लगी। हँसते हुए सुमित पहले एक गुलाब निकाल कर पीहू को देते हुए ये हमारी सबसे खूबसूरत परी के लिए सुंदर सी फूल 🌹। पीहू ख़ुशी से लेते हुए
पीहू -wow 🤩🤩thankq भईया.. 🤗🤗🤗बोलकर वो फिरसे सुमित के गले लग गयीं। और ये सब देख कर मुश्कान के चेहरा भी गुलाब की तरह खिल गया था जो कबसे कुछ दूर खड़ी देख रही थीं। दरसल पूजा मैम और मुश्कान आपस बाते कर रही थीं जो अचानक से सुमित के तेज़ आवाज़ से चौक गयीं। तो जल्दी से गार्डन मे देखने आगयी की आखिर है कौन। सुमित को देख कर दोनों हैरान तो हुई थीं लेकिन उसका पीहू से बात करने की अंदाज़ ने दोनों की चहरे पर मुश्कान बिखेर दी थीं। सुमित लग भग सारे चॉक्लेट और रोज़ सभी बच्चो मे बाँट दी थीं बस कुछ ही बचे हुए थे। और इन बीच उसका ध्यान सिर्फ बच्चो पर ही था। तब तक राधिका और आरती भी वहाँ आचुकी थीं।(बच्चो की चहरे पर एक अलग सी ख़ुशी झलक रही थीं जिसे देख सभीके दिल तक सुकून महसूस कर रहा था और ये सब सुमित के वजह से था। कहते है न कोई नाउम्मीद हो ज़िन्दगी से ऐसे मे कोई जीने की एक रौशनी दिखा दें तो ज़िन्दगी बहार सी हँसीन लगने लगती है। और ज़ब बात मासूम बच्चे की हो जिनके कोई अपना पहचान नहीं देना चाहते हो दुनिया वाले तो ऐसी ज़िन्दगीयों के लिए किसी से मिला थोड़ी सी अपनापन ही बेहद तक ख़ुश कर देती है। जैसे सुमित के दूसरे दिन ही आकर बच्चो से मिलना और अपनापन देना उनके लिए एक रौशनी के ओर लेजारहा था। क्योकि उनके अपनों के लिस्ट मे सुमित भी जुड़ गया था अपनी प्यार भरी अदा से।लेकिन वो प्यार, अपनापन और ये अदा कहतक रहती है आगे पढ़ते है… )सुमित अपनी हाथ मे देखा तो सिर्फ 5 फूल हज बचे थे और चॉक्लेट भी तो वो मुस्कुराते हुए ही पीछे मुड़ा तो सामने आरती, राधिका, पूजा मैम और मुश्कान हाथ बांधे कभी उसे तो कभी बच्चों को देख कर मुश्कुराये जारही थीं। उन्हें देख सुमित भी सबके पास गया और पूजा मेम को एक फूल और चॉक्लेट देते हुए..
सुमित -मैम ये आपके लिए 🌹..। पूजा सुमित से फूल और चॉक्लेट लेते हुए
पूजा मैम -thankq सुमित.. 😊। लेकिन बेटा ये सब क्या है..?सुमित अपने आसपास देखते हुए
सुमित -क्या है मैम? कुछ भी तो नहीं। उसकी इस हरकत पर सब हँस दिए।तब तक सुमित एक एक रोज़ और चॉकलेट आरती और राधिका को भी देचूका था। लेकिन सबसे लास्ट मे मुश्कान सामने जाते हुए भी उसका धड़कन तेज़ हो उठा था लेकिन खुद को सामान्य करके मुश्कान के तरफ एक रोज़ और चॉकलेट बढ़ाया तो मुश्कान भी मुश्कुराते हुए लेलिया और बदले मे शुक्रिया कहाँ और जैसे ही सुमित मुड़ने को हुआ मुश्कान रोकते हुए
मुश्कान -सुमित जी… एक मिनट.। इतना सुनना था की सुमित के दिल की धड़कन सातवे आसमान पर जापंहुचा क्योकि अंदाजा नहीं था उसे की उसकी देवी इस तरह पुकारेगी भी।
सुमित -जी कहिये… हमने कोई गलती कर दी क्या..?
मुश्कान -नहीं जी गलती तो कोई नहीं की है अब तक.. मुश्कान सुमित के ठीक सामने आकर इतना कहाँ था और कहते कहते रुक भी गयीं। सुमित भी उसी अंदाज़ मे
सुमित -अब तक…? मतलब कोई गलती करने जारहा हूँ..?
मुश्कान -जी हाँ अगर अपनी हाथ मे बचे फूल और चॉकलेट हमें न दिया तो.. 😜😜। सुमित अपने हाथ की बची एक फूल और चॉक्लेट को देखते हुए
सुमित -ऐसा क्या..? तो ठीक है लीजिएँ बोलकर सुमित मुश्कान को रोज़ देदिया। सुमित के साथ बाकि सबको भी पता नहीं था की मुश्कान करने क्या वाली है। मुश्कान प्यारी सी मुश्कान चहरे पर सजाये हुए वो फूल और चॉकलेट बड़े प्यार से सुमित को देते हुए
मुश्कान -ये आपके लिए 😊।ये देख सुमित के लिए ख़ुशी की कोई ठिकाना नहीं था क्योकि उसकी देवी उसे गुलाब देरही थीं। सुमित ख़ुशी से लेते हुए
सुमित -wow thank you soo much… 😊।
मुश्कान -जी आपको नहीं शुक्रिया तो हमें आपको कहना चाहिए जो माहौल मे इतना खुशियाँ बिखेर दी है आज आपने। इतना सून कर सुमित मुस्कुरा कर रह गया। तो पूजा मैम उसके पास आते हुए 
पूजा मैम -सही कहाँ आपने मुश्कान। 😊लेकिन बेटा उस वक़्त हमारा कहने की मतलब था की जहातक बच्चो की बात थीं वो सब ख़ुश है लेकिन हमें भी ये रोज़…?
सुमित -sorry मैम हमने पहले से प्लान नहीं बनाया था की आप सबको भी देने के लिए और आप सबके लिए हमने लाया भी नहीं था 😜। इतना सून कर सब सांवलिया नज़रो से देखने लगी।
राधिका -मतलब हम समझें नहीं।
सुमित -मतलब की ये सब सिर्फ बच्चो के लिए था। लेकिन शायद भगवान को भी यही मंजूर था की यहाँ आज सबके मुँह मीठा हो और इन गुलाब की भी किस्मत थीं की आप सबके हक़ मे जाने की। और ये हमारे लिए बहुत खुशकिस्मती की बात है की (बच्चो के तरफ इशारा करते हुए )जो लोग इस परिवार की नीव संभाले है उन्हें आज हमने कमसे कम ये गुलाब और एक चॉक्लेट तो देपाया। 😇
मुश्कान -जी बिलकुल सही कहाँ आपने। जो लोग भी इस परिवार से जुड़े है उस हर शख्स के हाथ मे ये फूल और चॉक्लेट है। कह कर मुश्कान सुमित की हाथ को इशारा किया। सुमित भी मुश्कुराते हुए 😊
सुमित -ओ तो इसीलिए…?
मुश्कान -जी बिलकुल ज़ब हमारे इस परिवार के लिए कुछ किया है तो आप भी इसी परिवार की हुए न तो आपके हाथ क्यूँ खाली रहे 😊।
सुमित -इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया आप सबका 🙏।(राधिका मन मे हम्म आज गुलाब और चॉकलेट कल पता नहीं क्या क्या। लेकिन ये बंदा तीर कहाँ चला रहा है..? कौन होसकता है.. 🤔🤔🤔,? आरती… या.. मुश्कान…? फिर उसे याद आया की कल मुश्कान को किस तरह प्यार से निहार रहा था। ओ तो.. हमारी मुश्कान की मुश्कान खिला है इनकी चहरे पर..? देखते है कहाँ तक गुल खिला पाते है ये जनाब )आरती उसे धक्का देते हुए
आरती -oyye कहाँ खोयी है?
राधिका -कहीं नहीं yr चल अब बच्चो को क्लास मे ले चलते है।
आरती- हाँ चल लेकिन🌹🍫 इसका क्या करे?
राधिका -करना क्या है फूल है तो बालो मे सजा ले और चॉकलेट वैसे भी हमारी फेवरेट है 😉।
आरती -या राइट अब चल। वो दोनों वहाँ से बच्चों को अपने अपने क्लास मे लेगयी। और मुश्कान भी अपनी केबीन की तरफ चली गयीं। पूजा मैम अब भी सुमित से कुछ बाते कर रही थीं। लेकिन उसका ध्यान रह रह कर मुश्कान के तरफ चल ही जाता था। मुश्कान अपनी केबीन मे पहुंच कर चॉक्लेट तो टेबल पर रख दिया लेकिन गुलाब 🌹देख कर फिर से मुस्कुरा दी और टेबल पर रखी फ्लावर्स वार्स मे डाल दिया। और प्यार से उसे छूते हुए “तब तक खिले रहोगे यहाँ ज़ब तक तुम खिलना चाहो “मुश्कान इतना बोलकर उस फूल को प्यार से चुम लिया  फिर बेखबर सी अपने कम मे गुम होगयी और इत्तफाक कहें या ईश्वर की मर्ज़ी पूजा मैम के साथ मुस्कान मे केबीन से क्रॉस होते हुए सुमित ये नज़ारा देख लिया। जिससे उसके चहरे की मुश्कान भी जाने की नाम नहीं लेरही थीं। उसे इस कदर मुश्कुराते हुए देख
पूजा मैम -सुमित आप सच मे मुश्कुराते हुए बहुत अच्छे लगते हो बेटा। इसलिए हमेशा यूही मुश्कुराते रहना life मे।
सुमित -और हमें ये मुश्कान यही से मिला है। इसी आश्रम और इसी परिवार से।
पूजा मैम -मतलब?
सुमित -मैम कल से पहले मै सच्ची और असल सुकून से बहुत बेखबर था। कल यहाँ से जाने के बाद ही महसूस कर पाया की ज़िन्दगी मे कितना बेखबर अब तक ऐसी अहसासों से और इस सुकून से।
पूजा -ख़ुशी हुई जान कर सुमित की ये परिवार आपकी खुशी की वजह बनी। यूही ख़ुश रहो  बेटा 😊
सुमित -शुक्रिया मैम ठीक है अब चलता हूँ। हेड ऑफिस जाना है 😊। Bye मैम
पूजा -bye सुमित 😊। मुश्कुराते हुए ही सुमित आश्रम से निकला और अपने कार के डोर खोलते हुए एक बार फिर मूड कर आश्रम के तरफ देखा और आंखें बंद कर लिया तो उसे मुश्कान की उसके दी हुई फूल को चूमते हुए नज़र आयी। सुमित अपने दिल पर हाथ रख कर खुद से ही.. बहुत किस्मत वाला है तू सुमित.. जो तुम्हे ईश्वर ने सबसे अलग तुम्हारे देवी के लिए प्यार तेरे दिल मे भरा है। पूरा विश्वास है हमें एक दिन ये पुजारी अपनी देवी के दिल मे भी अपना जगह जरूर बना लेगा। इतना कह कर वो अपनी कार ऑफिस के तरफ भगा दी। ड्राइविंग करते हुए भी मन ही मन सोच रहा था की आज भी नाम पता नहीं कर पाया.. वैसे क्या नाम होसकती है देवी की… 🤔🤔🤔तभी उसकी चेहरे पर एक सुकून भरी मुश्कान खिल गयीं। और अपनी सर पे हाथ फेरते हुए love you devi😍😍😍 बोलकर सुमित अपनी कार की रफ़्तार और तेज़ कर दी…।
क्रमशः : अगले part मे पढ़ते है की सुमित की उस सुकून भरी मुश्कान की वजह क्या है।  🙏🙏🙏🙏
बहुत बहुत शुक्रिया आप सबका 🙏🙏
नैना… ✍️✍️
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