बेटा हिन्द का हूँ मैं, मेरी पहचान है हिंदी माँ सरस्वती कि वीणा की झंकार है हिन्दी, बेटा हिन्द का हूँ मैं मेरी पहचान है हिंदी।।
लहू में बहती सांसों की सोहं धड़कन प्राण है हिंदी बेटा हिन्द का हूँ मैं मेरी पहचान है हिंदी।।
अविनि के कण कण से प्रवाहित निशा
सांध्य दिवस शुभ प्रभात है हिंदी।।
ह्रदय मेरा एक मंदिर है माँ भारती देवी 
स्वर साधना आराधना मेरी है हिंदी
बेटा हिन्द का हूँ मैं मेरी पहचान है हिंदी।।
    
पूरब से पश्चिम ,उत्तर से दक्षिण जन आकांक्षा आत्म पुकार है हिंदी।।
हिमालय से ऊंचा सागर से गहरी हिन्द की भाग्य है हिंदी बेटा हिन्द का हूँ मै मेरी पहचान है हिंदी।।
 
प्रेम की भाषा मानवता रसधार है हिंदी अविरल निर्मल निर्झर कल कल कलरव गान है हिंदी।
मैं बेटा हिन्द का हूँ मेरी पहचान है हिंदी।।
संस्कृति सम्यक संस्कार है हिंदी हिन्द एक नेक की बंधन सूत्र  राष्ट्र का सार है हिंदी।
बेटा हिन्द का हूँ मैं मेरी पहचान है हिंदी।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।
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