हास्य मतलब हंसना हमारे जीवन में बहुत आवश्यक है। वर्तमान में इंसान शायद हंसना ही भूल गया है। दिनभर की भागदौड़,जीवन की व्यस्तता और आधुनिक जीवन शैली ने जैसे मनुष्य के होंठो की हंसी ही छीन ली हो। इंसान करे भी क्या?? इस आधुनिक जीवन में एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ ही ऐसी है। जो उसे मशीन बनाते जा रही है। और इन सबमें वो खुद के लिए ही जीना भूल गया है। बीते समय में लोग कितना खुश रहते थे कम साधन में भी एकजुट होकर जीवन यापन करते और आवश्यकता पड़ने पर निस्वार्थ हो एक- दूसरे की मदद भी करते थे। इसके विपरीत वर्तमान में लोगों को किसी की परवाह ही नहीं उनके पास वक्त ही नहीं है दूसरो के लिए।बहुत विरले लोग ही हैं जो दूसरों की खुशी में खुश होते हैं व दुख में साथ देते हैं।
                            जिंदगी के उतार-चढ़ाव में हमें हर पल को निभाना है। कभी रोना तो कभी हंसना है, मुस्कुराता हुआ चेहरा हमें जीवन जीने की कला सिखाता है ,हिम्मत देता है ,हमारे जीवन को एक नई ताजगी से भर देता है। इसलिए हास्य से परिपूर्ण जीवन भी बहुत जरूरी है।अपने और अपनो के लिए वक्त निकालकर उस पल को जीना भी जरूरी है, फिर आपके होंठो में एक मीठी मुस्कान जरूर आयेगी जो आपको बहुत हसाएगी। हंसते रहिए मुस्कुराते रहिए। 😊
                                           मनीषा भुआर्य ठाकुर (कर्नाटक)
                      
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