हो अगर सफर में मंज़िलें बताया नहीं करते,
उम्मीदें कभी अपनों से किया नहीं करतें
घुमतें हैं बनकर लोग मक्खियाँ यहाँ
हर किसी को अपने ज़ख़्म दिखाया नहीं करतेगौरी तिवारी ,भागलपुर बिहार

हो अगर सफर में मंज़िलें बताया नहीं करते,
उम्मीदें कभी अपनों से किया नहीं करतें
घुमतें हैं बनकर लोग मक्खियाँ यहाँ
हर किसी को अपने ज़ख़्म दिखाया नहीं करतेगौरी तिवारी ,भागलपुर बिहार
I am student as well as a writer