एक है ईश्वर ,एक है खुदा, हम सबका मालिक एक है।
एक है जमीं, एक है गगन, हम सबका देश एक है।।
एक है ईश्वर——————।।
होते हैं फूल अलग अलग, रंग – रूप में चाहे अनेक।
पिरोया जाता है जब उनको ,बन जाती है माला एक।।
चाहे हिन्दू हो या फिर मुस्लिम, सबका लहू एक है।
एक है ईश्वर——————-।।
भाषा हो चाहे अलग अलग, मतलब सबका एक है।
पहनावा हो फिर अलग अलग, मकसद सबका एक है।।
प्रदेश चाहे अलग अलग हो, सबकी मंजिल एक है ।
एक है ईश्वर —————————–।।
एक डाली के पंछी हम, मिलकर हमें रहना होगा।
इस देश के सम्मान को, बनाये सदा रखना होगा।।
हम सबकी राह एक है , और सबका ख्वाब एक है।
एक है ईश्वर——————–।।
रचनाकार एवं लेखक –
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
ग्राम- ठूँसरा ,जिला- बारां(राजस्थान)