हमारे देश के जन, गण, मन सभी, सुरक्षित रहती हैं।।
हमारे फौजी भाइयों की फौज जब निकलती है
अमन, चैन, शांति,फतेह की आगाज तभी तो होती है।।
हमारे फौजी भाइयों की फौज जब निकलती है
भारत के हृदय स्थल में तिरंगा तभी तो फहरती है।।
हमारे फौजी भाइयों की फौज जब निकलती है
उनके हाथों में बंदूकों की अस्त्र-शस्त्र बहुत ही फबती है।।
हमारे फौजी भाइयों की फौज जब निकलती है
फूल भी उनके कदमों तले बिखरने की चाह तब रखती है।।
हमारे फौजी भाइयों की फौज जब निकलती है
रणभूमि पर अदम्य साहस और फुर्ती का परिचय दिखाती है।।
हमारे फौजी भाइयों की फौज जब निकलती है
उनके बंदूकों से निकलते शोलें शत्रुओं के दिल दहलाती है।।
हमारे फौजी भाइयों की फौज जब निकलती है
दुश्मनो की सेना उनकी आहट सुन दो कदम पीछे हटती है।।
हमारे फौजी भाइयों को कर्मपथ से जब छुट्टी नहीं मिलती हैं
गांव की गलियां, मिट्टी,घर भी उनको मिलने को तरसती हैं।।
हमारे फौजी भाइयों की अंतिम यात्रा जब निकलती है
पूरे भारतवासी के मन को झकझोर कर द्रवित कर जाती है।।
हमारे फौजी भाइयों को जब सलामी दी जाती है
सारे आकाश में वीरता की जय जयकार गूंजती जाती है।।
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तब सारे आकाश में उनके नाम की जय जयकार गूंजती है
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❤ जिस कोख में जन्में हमारे फौजी भाई
शत-शत नमन है धन्य,धन्य हैं उनकी माई ❤