मानवता का पाठ पढ़ाया,
नव युग का निर्माण किया।
अपने कौशल बुद्धि ज्ञान से
धर्म का की ध्वजा लहरायी।
भारत मां का वीर पुत्र विवेकानंद,
कहलाया।
अपनी सभ्यता और संस्कृति  की रीत नीत अपनायी। 
मां कालरात्रि  के परम भक्त थे।
राम कृष्ण परमहंस के शिष्य कहलाए।
जाति-पाति का भेद भाव मिटाकर
मानव धर्म अपनाया।
पृथ्वी सा धैर्य , चंद्रमा की शीतलता सूर्य जैसा तेज था माथे  ,पर कदम
बढ़ाकर हटे नहीं फिर कर्त्तव्य पुर्ण किया था।
स्वामी विवेकानंद जी को मेरा सत् सत् नमन🙏🙏🙏
अर्चना पांडेय आर्ची
गोरखपुर
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