कितने दिन बाद फिर देखो,
ये सूना आँगन फिर गा रहा,
महीनों बाद फिर से स्कूल आकर,
स्कूल का पहला दिन याद आ रहा।
बदल गया वो तौर तरीका भी,
नया सा फ़िर सिखाया जा रहा,
दूरियों का पालन करते हुए अब,
नए नियम याद फिर करा रहा।
घबराए से बच्चे हैं कहीं पर,
तो कहीं शिक्षक भी घबरा रहा,
कोई आने को आतुर दिखता है,
तो कोई अब आलस दिखा रहा।
फ़िर से महक रहे यहाँ प्रांगण,
फ़िर से शोरगुल हवा में आ रहा,
सूनी सूनी सी बगिया महकी है,
स्कूल का पहला दिन याद आ रहा।
पूजा पीहू
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