देश हमारा सोने की चिड़िया,
यूं ही नहीं कहलाता है।
भारत की महिमा सुनो सभी,
यह स्वर्ग सभी को भाता है।।
भारत रूपी घर में देखो,
सब धर्मों के रहते लोग।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई,
एक साथ लगाते हैं भोग।
शीश पर बैठा हिमालय पर्वत,
मुकुट हो जैसे भारत का।
गंगा यमुना नदियां देखो,
करती नाश सब पापों का।।
यह धरती है वीर जवानों की,
जन्में शूरवीर थे महान यहां।
आजाद भगत सुखदेव ने,
प्राणों का दिया बलिदान जहांँ।।
भाईचारा उत्पन्न करने वाले,
त्यौहार है होते भारत में ।
होली दिवाली रक्षाबंधन ,
मनाए जाते भारत में ।।
इसी भूमि पर लिया था जन्म,
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने।
वात्सल्य प्रेम को भरने वाले,
नटखट देवकी नंदन श्याम ने।।
गीता देवी
औरैया उत्तर प्रदेश