यही तो है वह सोने का खग।जिसका है डगमगाया डग।कनक बसा था जिसके रग।फिरंगियों ने जिसे लिया ठग।गोरी चमड़ी पर दिल से ठग।धूल-धूसरित हो गया यह खग।गवाह है इसका सारा जग।ये चमके,दमके पुलके इसका रग। -चेतना सिंह,पूर्वी चंपारण Spread the love Post navigation ❣️🇮🇳सोने की चिड़िया🇮🇳❣️सोने की चिड़िया