है बड़ा ऊंचा रुतबा उनका, नाम है जिनका भारतीय सेना। अपना सुख चैन गवाँ कर ,बॉर्डर पर तैनात रहना ।
ना मौत का डर ,ना माथे पर शिकन ।
खुशी-खुशी देश ही खातिर हो जाते हैं कुर्बान ।
घर की याद को दिल में दफन कर ,तीज त्यौहार छोड़कर, देश के लिए हरदम रहते तैयार ।
यह होते बड़े जांबाज़ , यह होते बड़े दिलदार ।
जिसने इनको जन्म दिया, उस मां को भी लाखों सलाम । आसान नहीं होता औरों की खातिर ,अपने बच्चे को कर देना कुर्बान।
बाप की भी है बड़ी कुर्बानी,
देश की खातिर जिसने अपने बच्चे की दे दी जवानी ।
उन्हीं की वजह से तो सलामत है अपना देश ।
उन्हीं की बदौलत चैन से सोता हर एक ।
देखो ज़ाया ना जाने देना उनकी कुर्बानी !
सिर्फ ज़ुबां तक ही ना रहे उनकी शुक्र अदायगी !
उनके हयात और उनके बाद उनके परिवार की करना निगरानी ।
तुम्हारी इस छोटी सी फिक्र से उनका मन ना होगा भारी। अपने बड़े बलिदान के बदले उनको बड़ा सुकून देगी,
छोटी सी ये करनी तुम्हारी।