जब सर्द रातों में हम घर पे पड़े होते है,
तब देखो वीर सैनिक सरहद पे खड़े होते है।
जब देश पे संकट आता है ,
मन जब अपना घबराता है,
तब लड़ते ये न डरते है,
बस अपनी जिद पे अड़े होते है।
तब देखो वीर सैनिक सरहद पे खड़े होते है।
छोड़ कर फ़िकर घर द्वार की,
चिंता ही नही जीत हार की,
बस लक्ष्य पाने को उत्सुक,
ये भारत माता के लाल खड़े होते है।
तब देखो वीर सैनिक सरहद पे खड़े होते है।
रग रग में भर के फौलाद कर शशक्त तन,
कर देते न्योछावर ये देश पे तन मन ,
हर बात में बलिदान की बातें
ये मर मिटने को आतुर डटे होते है।
तब देखो वीर सैनिक सरहद पे खड़े होते है।
इंदु विवेक उदैनियाँ
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *