आज नई बहू घर मेरे आई
सास ने ले ली बड़ के बलाई
सास यू बोली सुन ले रानी
घर मेरा है बेटा मेरा रहे
ध्यान ये तेरा ।
सासु जी सब बातें समझ मैं गई
अब यह भी बता दो,
रहूं के नहीं ।
( सास )घर में मेरी रहती सरकार
(बहू) आपका पूरा हो गया अब व्यवहार
(सास) एक एक पत्थर जोड़ बनाया
(बहू ) तो फिर दहेज़ किस लिए मगाया ,
(सास),बेटा मेरी तरफ ही रहेगा
( बहू ) वो भरतार मेरा ,मेरा रहेगा ,
(सास ) दूंगी नहीं मैं घर की चाबी
(बहू) दब के तो मां जी मैं न रहूंगी
(सास) तेरे ससुर ने गांव बसाया
( बहू) मेरे पिया ने उसको सजाया
(सास) सेवा मेरी करनी पड़ेगी
(बहू ) सुन बुढ़िया तू अब यहां न रहेगी
(सास) जोड़े तेरे दो दो हाथ
घर तेरा , बेटा तेरा ,रहने दे हमे साथ ।।।
© रेणु सिंह राधे ✍️
कोटा राजस्थान