आज रश्मिरथी पर दैनिक लेखन विषय दिया गया “समय यात्रा” जो मेरे नजरिए से कल्पनातीत विषय है, केवल कपोलकल्पित कथा कहानियों में पौराणिक युग से चला आ रहा है।यदि सरल शब्दों में परिभाषित किया जाए तो ” वर्तमान को छोड़कर दीर्घकालिक भूत या भविष्य में की जाने वाली यात्रा “समय  यात्रा” है।
       समय यात्रा अतीत के समय में वापस जाने या भविष्य मे आगे जाने का विचार है। आधुनिक युग में अभी तक समय यात्रा संभव नहीं है, लेकिन यह काल्पनिक कहानियों में बहुत प्रयोग किया जाता है।
समय यात्रा यानि Time travel, एक ऐसी स्थिति है जिसमे हम ब्रह्माण्ड के किसी भी स्थान पर कम से कम समय में यात्रा कर सकते हैं, जिसे करने के लिए हमें प्रकाश की गति से यात्रा करना होगा। इसलिए समय यात्रा एक समय में कुछ बिंदुओं के बीच गति की अवधारणा है, किसी वस्तु या व्यक्ति द्वारा अंतरिक्ष में विभिन्न बिंदुओं के बीच गति के अनुरूप, आमतौर पर एक टाइम मशीन के रूप में ज्ञात काल्पनिक डिवाइस का उपयोग करना ही समय यात्रा का संक्षिप्त स्वरूप हो सकता है।
   समय यात्रा, एक अवधारणा है जिसके अनुसार, समय में विभिन्न बिंदुओं के बीच ठीक उसी प्रकार संचलन किया जा सकता है जिस प्रकार अंतरिक्ष के विभिन्न बिंदुओं के बीच भ्रमण किया जाता है। इस अवधारणा के अनुसार किसी वस्तु (कुछ मामलों में सिर्फ सूचना) को समय में वर्तमान क्षण से कुछ क्षण पीछे अतीत में या फिर वर्तमान क्षण से कुछ क्षण आगे भविष्य में, बिना दो बिन्दुओं के बीच की अवधि को अनुभव किए, भेज सकते हैं।
हालांकि समय यात्रा 19वीं शताब्दी के बाद से ही काल्पनिक कहानियों का एक मुख्य विषय रहा है, परन्तु भविष्य की एकतरफा यात्रा तो समय फैलाव की घटना के कारण सैद्धांतिक रूप से संभव है, यह घटना विशेष सापेक्षता के सिद्धांत में वर्णित वेग पर आधारित है (जिसको जुड़वां विरोधाभास के उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है)। यह यात्रा सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत में गुरुत्वाकर्षण समय फैलाव के अनुसार भी संभव है, पर अभी तक यह अज्ञात है कि भौतिकी के नियम इस प्रकार की पश्चगामी समय यात्रा की अनुमति देंगे या नहीं।
यात्रा करने के लिए कुछ वैज्ञानिक ने समान्तर ब्रम्हान्ड की कल्पना की है, कोई भी तकनीकी यन्त्र जिससे समय में एक बिंदु से दूसरे बिंदु पर बिना किसी समय में देरी के जाया जा सके समय यन्त्र कहलाता है ।जो अभी तक सफल रूप से बना नहीं है।
टाइम ट्रैवल एक संकल्पना है जिसमें यह माना जाता है कि मनुष्य एक समय से दूसरे समय में यात्रा कर सकता है। जैसे हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए यात्रा करते हैं। उदाहरण के लिए वर्तमान में 2021 चल रहा है तो यदि टाइम ट्रैवल संभव होता तो मनुष्य 1945 में जा सकता था जब देश आज़ाद भी नहीं हुआ था, या 2050 में जा सकता था। टाइम ट्रैवल संकल्पना के अनुसार मनुष्य समय में आगे और पीछे दोनों ही समय में आ और जा सकता है।
समय यात्रा के पीछे का वैज्ञानिक सिद्धांत अभी तक वैज्ञानिक टाइम ट्रैवल को संभव नहीं बना पाए हैं। कुछ वैज्ञानिक इसे असंभव बताते हैं। परंपरागत भौतिक विज्ञान इसे असंभव बताता है।
कहीं कहीं पर टाइम ट्रैवल के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि जो घटना या समय बीत चुका है उसका दृश्य और ध्वनि ब्रह्मांड में रिकॉर्ड हो जाता है। जिस तरह हम एक फिल्म को आगे और पीछे कर सकते हैं उसी तरह हम समय में आगे और पीछे जा सकते हैं।
पर हम समय में किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकते हैं। यदि ऐसा किया जाता है तो पार्टिकल बिखरकर अस्पष्ट हो जायेंगे। टाइम ट्रेवल की मदद से भविष्य में होने वाली घटना को भी देखा जा सकता है, क्योंकि सभी कार्यों की एक श्रृंखला होती है,लेकिन पता नहीं क्यों मुझे इस सिद्धांत पर भरोसा नहीं होता है।अतः इस विषय को अधिक दीर्घ न करते हुए अपने विचारों को यहीं विश्राम देती हूँ। 
            लेखिका –
                  सुषमा श्रीवास्तव 
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