सफलता का पैमाना
किसी ने ना जाना,
सबका नजरिया
अलग अलग–
किसी के लिये
करियर का बन जाना सफलता,
तो कोई धन हासिल कर
धनी बन जाना कहे सफलता,
किसी के लिये गाड़ी-बँगला
मिल जाना
कहलावे सफलता की निशानी,
या तो कोई मनपसंद विवाह
को माने सफलता की कहानी,
बने घर परिवार सफल बच्चे
बन जाये द्योतक सफलता की,
किसी के लिये ।
तो सफलता अपार,
है नजरिया हज़ार,
मैने ये जाना और ये 
माना जीवन में–
जब, जहाँ, जैसे,
जिसमे संतुष्टी मिले
समझो सफल हुए,
वैसे स्वस्थ शरीर
खुशहाल जीवन,
माता-पिता के चेहरे
पर खुशी, और हमारे सर पर
उनका हाथ आशीर्वाद का,
बच्चों की आंखों में
हमारे लिये प्यार और सम्मान,
कुछ पल अपनों का साथ,
इन्ही से तो मिलती है संतुष्टी,
यही तो देती हैं खुशी,
यही तो है सफलता की सीढ़ी,
और यही तो है जीवन की पूँजी ।।
,,,,,,,,,,,,,,डॉली मिश्रा “पल्लवि”✍️
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *