सत्य कभी झुकता नहीं
सत्य की राहों में
आती बाधाएं अगणित
सत्य रहा निश्छलता
से भावों से निर्मित
सत्य सुखद है स्वप्न नहीं ,
सत्य कहीं परिपक्व नहीं
सत्य सुधारस पान करें,
आख्यानों का गुणगान करें
सत्य समर्थक कम होते,
मिथ्या के राह सुगम होते
सत्य नहीं आसान यही
संकल्प जगत में न्यारा है
सत्य राह कंक्रीट बना
फिर भी प्राणों से प्यारा है
सत्य शहद सा मधुर
नहीं,कड़वाहट का बंजारा है
आश्रयदाता है सत्य अटल ,
संवाहक है सतत अविरत
परिभाषित जीवन द्वीप सिंधु,
को जगमग करता ज्योत अनल
सत्य अविरलता की भाषा
निष्पक्ष भाव की परिभाषा
सत्य है संकट का शीर्ष घना
तरु की किसलय सम ठना- ठना
सत्य है जीवन का किस्सा
निज अंतर्वेशन का हिस्सा
अनुमोदित धारा का तरंग
स्वप्निल फेरों का लय सुभंग
नैराश्य नहीं, नुक्ता नहीं
सत्य कभी झुकता नहीं!!