संगीत के सात सुर,
सबकी अपनी मिठास,
हर सरगम की अलग धुन,
हर सरगम में कुछ ख़ास।
इंद्रधनुष के रंगों सा इनका,
बनता अजब ही मेल,
संतुलन में बजे अगर ये,
बनता अद्भुत खेल।
ऐसे ही कुछ भाव मन में,
हम सबके सदा ही रहते,
सबको थामे रखें अगर हम,
जीवन में ना कभी भी ढहते।
पूजा पीहू
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