राम नाम है वंदगी,राम नाम यशगान।
राम नाम सुख-चैन है,राम नाम उत्थान।।
राम नाम में ताप है,राम नाम में साँच।
राम नाम हो संग तो,नहिं आती है आँच।।
राम नाम सुख से भरा,राम नाम रसधार।
राम नाम के तेज से,महके नित संसार।।
राम मोक्ष हैं,दिव्य हैं,जग के पालनहार।
राम शरण में जो गया,पाता वह उपहार।।
राम नाम तो सूर्य है,राम नाम अभिराम।
राम नाम आवेग है,है नित तीरथधाम।।
राम नाम तो श्रेष्ठ है,राम नाम आदर्श।
तरे मनुज भव से सदा,मिले राम का दर्श।।
राम नाम शुचिता लिए,राम नाम में सार।
राम नाम वरदान है,राम नाम उपहार।।
राम नाम उजियार है,हर ले जो अँधियार ।
राम नाम यशगान है,राम नाम जयकार।।
राम नाम मधुरिम-सुखद,राम नाम उद्घोष।
राम नाम है वंदगी,राम नाम है जोश।।
राम नाम आशीष है,राम नाम विश्वास।
राम नाम तो आस है,है नेहिल अहसास।।
राम नाम तो ज़िन्दगी,है जीने का भाव।
राम नाम में ताज़गी,गरिमा लिए प्रभाव।।
राम नाम तो सत्य है,जो देता मुस्कान।
करके हर जीवन सुखी,रचता जो नित मान।।
-प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे
प्राचार्य
शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
मंडला,मप्र–481661
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प्रमाणित किया जाता है कि रचना मौलिक व अप्रकाशित है–प्रो.शनाखरे