बीतगया खट्टेमीठे अनुभव के संग एक और ये साल।
शिक्षा का सत्र यह हुआ पुराना शुरू अब नया है साल।
कभी रहा कोविड कभी चुनाव है कभी परीक्षा बेहाल।
शुरू हुआ मूल्यांकन लेकिन प्रायोगिक परीक्षा बेहाल।
नई व्यवस्था से नंबर्स फीडिंग में डिप्टीहेड हुए बेहाल।
स्वयं तो जांची हजारों कापी सहायक सभी थे बेहाल।
गृह परीक्षा के रिजल्ट बन गए जो 20मई को देना है।
न्यू एडमिशन शुरू हुआ जो अगली कक्षा का लेना है।
बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट भी ये जल्दी घोषित होना है।
जुलाई से प्रवेश एवं पढ़ाई ये दोनों ही बेहतर होना है।
ऑनलाइन हो गए हैं सब मेल आईडी मोबाइल नंबर।
शिक्षक छात्र-छात्रा के मेल आईडी व मोबाइल नंबर।
शिक्षा माफिया खेल कोई शायद अब नहिं खेल सकें।
कागज पे जो कुछ स्कूल चल रहेथे न अब खेल सकें।
देखो क्या फरमान है आता अब इस यूपी शासन का।
शिक्षक ही दिखता है सबको नजर है यूपी शासन का।
पचीसों वर्ष पढ़ाया बच्चों को जिसने नहीं विनियमित।
सरकार कहे कर दिया है 2000 तक को विनियमित।
नई शिक्षा नीति भी लागू होगी अबतो नएसत्र से जान।
शिक्षक शिक्षा शिक्षार्थी शिक्षालय तो लगाये जीजान।
अबतक नहीं हुए विनियमित न पेंशन की आशा कोई।
रिटायरमेंट आ गया बहुत से शिक्षक की अँखियाँ रोई।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पीबी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
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