पति पत्नी पर हास्य कविता
कभी वह बर्तन पटकती है, तो कभी गुस्सा दिखलाती है।
गुस्सा होता है उसकी आंखों में ,फिर भी काम कराने को मिस्टर हस्बैंड कहकर बुलाती है।
सुबह से शाम अपना जीवन बस पत्नी के चरणों में बिताता हूँ।
अपने शादीशुदा जीवन के किस्से तुम्हें सुनाता हूँ।
जितने कुंवारे बैठे हो, मेरी सलाह सुन लेना ।
मूसल देख लो पहले, फिर ओखल में तुम सिर देना।
सुबह उठते ही सबसे पहले मैडम के लिए चाय बनाता हूँ।
फिर डरे कांपते हाथों से अपनी शेरनी को जगाता हूँ।
सुबह और दोपहर के खाने का प्रबंध ऑफिस से पहले ही करके जाता हूँ।
आकर ऑफिस से जल्दी मैडम का डिनर बनाता हूँ। 
अभी नहीं सोया हूँ मैं, सोने से पहले का जरूरी काम तुम्हें बताता हूँ।
जरूरी काम यह है कि, रोज सोने से पहले मैडम के पैर भी दबाता हूँ। 
कभी वह बर्तन पटकती है, तो कभी गुस्सा दिखलाती है।
अगले दिन उठते ही फिर से मै चूहा और वो बिल्ली बन जाती है।
-नीति अनेजा पसरिचा
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