शरद पूर्णिमा की रात लेकर आती है अपने साथ अमृत वर्षा, जो भर देती है हमारे जीवन को सुख और समृद्धि से,अभिलाषा है कि  ये त्यौहार आपके जीवन में नयी उमंग,उत्साह लेकर आए।

शरदपूर्णिमा की शुभकामनाएँ!
  अश्विन माह की पूर्णिमा पर हर साल शरद पूर्णिमा का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।  मान्यता है कि इस दिन चाँदनी रात में खीर रखने से चंद्रमा के औषधीय गुण इसमें आ जाते हैं, क्योंकि इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है। खीर का सेवन करने से जातक की रोगप्रतिरोधक क्षमता दोगुनी हो जाती है।
शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा व रास पूर्णिमा भी कहते हैं। पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चन्द्रमाँ सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया है और इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं।

     श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार चंद्रमा को औषधि का देवता माना जाता है। चाँद की रोशनी स्वास्थ के लिए बहुत लाभकारी मानी गई है। इसलिए शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे चावल और दूध से बनी खीर रखी जाती हैं जिससे चंद्रमा की किरणें खीर पर पड़ती है और इसका सेवन करने से औषधीय गुण प्राप्त होते हैं।चलते-चलते पुनश्च पुनः शरद पूर्णिमा की रात्रि है सबसे सुन्दर,बरसे देवताओं का प्यार और आशीर्वाद बनकर चन्द्रमा की चाँदनी और माँ लक्ष्मी का प्यार,
शुभ हो आपके लिए शरद पूर्णिमा का त्यौहार!

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