वो अमर हो जाते हैं हमारे दिलों में रहते हैं
लाख कष्ट जो सहते हैं वो शहीद ही होते हैं
वतन के वास्ते समर्पित होता है तन मन धन
खुद को मिटा देते हैं जो, वो शहीद ही होते हैं
छोड़ कर अपना घर परिवार सरहद पे रहते हैं
खुद को वज्र बना लेते हैं वो शहीद ही होते हैं
लड़ते हैं दुश्मनों से , सबकी  हिफाज़त के लिए
अपनी परवाह नहीं करते हैं वो शहीद ही होते हैं
छुपकर सभी से रो लेती हैं शहीदों की बीवियां 
 पर आंसू भी न पोंछ पाते हैं ,वो शहीद ही होते हैं 
बनकर कठोर चल देते हैं  वो  फर्ज़ की राह पर
सबको पीछे छोड़ देते हैं वो शहीद ही होते हैं
जय हिन्द जय भारत
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