ना झुको कभी, हौसला रखो अभी,
गर, है समय कठिन तो निकल जाएगा वो भी,
बढ़ते चलो अपनी मंज़िल पर तुम अभी,
प्रयासों से ही बाधाएं पार हो जानी हैं सभी,
डरकर इन कठिनाईयों से हटना नहीं कभी,
तैरकर भवसागर, पार करना होगा तभी,
बंद हैं गर खिड़कियां, जो खुली थीं कभी,
ज्ञान चक्षुओं से देखो उनकी ओर भी,
नहीं रहेंगी वो बंद अब खुल जाएंगी मेहनत से ही,
मिलेगी एक दिशा नई, निकल जाएगा रास्ता भी।
© मनीषा अग्रवाल
इंदौर मध्यप्रदेश
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