पृथ्वी पर निरंतर और तेजी से बढ़ते तापमान को वैश्विक तापमान कहा जाता है। इसके बढ़ने से ग्लेशियर पिघल रहे है जो मानव के साथ-साथ खुद पृथ्वी के लिये भी एक बड़ा खतरा है।पृथ्वी पर हो रही गतिविधियां इसमे निरंतर वृद्धि कर रही है। आम इन्सान तो वैश्विक तापमान के बारे मे जानता ही नही है।सबसे पहले तो हमे हर व्यक्ति तक यह जानकारी पहुँचानी चाहिए की वैश्विक तापमान क्या है और इसके खतरे क्या है।इसको नियन्त्रित करना बेहद ही चुनौति पूर्ण कार्य है किन्तु नामुमकिन नही है। सरकार को चाहिए की लोगों को वैश्विक तापमान के प्रति जागरूक करे और इससे हो रही हानियों के बारे मे बताएं ।

सबसे पहले तो हमे वैश्विक तापमान के कारणों का पता होना चाहिए। यूँ तो वैश्विक तापमान के बढ़ने के बहुत से कारण है किन्तु ग्रीन हाउस से निकलने वाली गैसें इसका बहुत बड़ा कारण है।इससे निकलने वाली गैसे कार्बन डाई ऑक्साइड और मिथेन पृथ्वी से बहार नही जा पाती और यहीं रह कर पृथ्वी के तापमान मे वृद्घि करती है।आटोमोबाइल का बढ़ता उपयोग भी तापमान मे वृद्घि का प्रमुख कारण है। लेकिन सबसे बढ़ा और गम्भीर कारण वनो की कटाई है।
जब पेड़-पौधे ही नही रहेंगे तो कार्बन डाई-ऑक्साइड का अवशोषण ही नही हो सकता और यही प्रमुख कारण है वैश्विक तापमान मे वृद्घि का।
वैश्विक तापमान को रोकना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है किन्तु इसे कम करने मे सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे और हर व्यक्ति को अपना सहयोग देना होगा।हमे कम से कम ईंधन का प्रयोग करना चाहिए और इसके लिए कार-पूल का उपयोग कर सकते है। ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाकर तापमान मे गिरावट कर सकते है। सरकार को वनों की कटाई पर रोक लगानी चाहिए ।ग्रीन हाउस पर भी रोक लगा कर तापमान मे गिरावट ला सकते है।
कविता गुज्जर
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