स्वपना की पोस्टिंग शहर की चकाचौंध और शोर – शराबें से दूर बोकारो के एक छोटे-से कस्बे में हुई थी । यहाॅं आने से पहले वह जिस बैंक की मैनेजर थी वह बैंक शहर के भीड़ – भाड़ वाले इलाके में था । बैंक वालों ने उसके रहने के लिए एक घर का इंतजाम किया था । आज ही तों वह अपने छोटे भाई के साथ यहाॅं आई थी ।
स्वपना का आज का पूरा दिन किचन और घर को व्यवस्थित करने में ही निकल गया । दिन भर काम करने के कारण स्वपना थक गई थी । रात को स्वपना ने मैगी बनाई और दोनों भाई-बहन मैगी खाकर ही अपने – अपने कमरों में सोने चले गए ।
जब स्वपना की नींद खुली उसने देखा कि सुबह के आठ बज चुके थे । वह हड़बड़ा कर बैंक जाने के लिए उठने ही वाली थी कि उसे याद आया कि आज तों संडे है और आज तों हमारा बैंक बंद रहकहान । वह चादर तान कर सो गई तभी उसे लगा कि कहीं से पायल की आवाज आ रही हैं । वह सो नहीं पाई और यह देखने के लिए कि कौन पायल पहन कर इधर – उधर घूम रहा है ? वह अपने घर के बाहर वाले बरामदे में आ गई ।
स्वपना की नजरें जब चारों तरफ पायल वाली को ही ढूॅंढ रही थी तभी उसकी नज़रों ने देखा कि बगल वाली हवेली के बगीचे में एक बारह से तेरह वर्ष की लड़की फ्राॅक पहने बगीचे में ही बनें कुएं के चारों तरफ दौड़ रही है । वह ऐसे दौड़े जा रही थी मानो वह किसी को पकड़ने की कोशिश कर रही हों । साथ में वह हॅंस भी रही थी ।
अच्छा तों मुझे इसी लड़की की पायल की आवाज सुनाई दे रही थी जिसके कारण मैं सो नहीं पाई यह सोच कर स्वपना मुस्कुराने लगी । स्वपना को उस लड़की को देख कर अपने बड़े भाई की बेटी मिट्ठी की याद आ गई । वह सोचने लगी कि चलों ! अच्छा ही है कि पड़ोस के घर में बच्चे हैं । इन्हीं के बहाने अपने पड़ोसी से भी जान – पहचान हों जाएगी ।
स्वपना ने अपने गेट को खोला और उस बगल वाली हवेली की तरफ बढ़ी । अभी भी वह लड़की कुएं के चारों तरफ दौड़ – दौड़ कर हॅंसते हुए खेल रही थी
स्वपना ने जैसे ही बगल वाले घर के मेन गेट को खोला उस गेट से ऐसी आवाज आई जैसे वर्षों से इसे किसी ने नहीं खोला हों । गेट की आवाज सुनते ही उस पायल वाली लड़की की हॅंसी और उसके पाॅव कुएं के पास ही रूक गए और वह स्वपना को देखने लगी ।
स्वपना ने जैसे ही आगे कदम बढ़ाया वह कुएं के पास खड़ी लड़की पायल बजाती हुई दौड़ कर हवेली के अंदर चली गई और घर का दरवाजा बंद हो गया ।
स्वपना ने सोचा कि कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो किसी अजनबी को देखकर भाग जाते हैं । मैं भी तो इसके लिए अजनबी ही हूॅं । पहले इसके माॅं – बाप से मिल लेती हूॅं उसके बाद इससे भी दोस्ती हो जाएंगी ।
स्वपना को बच्चों से बहुत बनती थी। वह तो अपनी भतीजी मिट्ठी की बेस्ट फ्रेंड थी और ना जाने क्यों यह कुएं वाली लड़की से इसे एक खास लगाव महसूस होने लगा था तभी तो वह चाह रही थी कि इस लड़की से वह बात करें और वह लड़की इसकी दोस्त बन जाएं ।
स्वपना ने पहले तो पड़ोस वाली हवेली का डोर बेल बजाया लेकिन उसे लगा कि डोर बेल तो बजा ही नहीं तो उसने दरवाजा खटखटाया । पाॅंच मिनट दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला । स्वपना ने दरवाजे को धक्का देना चाहा तो वह दरवाजा खुल गया ।
स्वपना आगे बढ़ी । घर में शांति थी और सब चीजें अपनी जगह पर अच्छी तरह रखी हुई थी ।
कोई हैं ?? यह कहते हुए स्वपना आगे बढ़ने लगी । अभी तक उसे घर में कोई भी नहीं दिखा कहानी
किचन में बर्तन गिरने की आवाज़ सुनकर स्वपना के कदम रूक गए । उसे अब थोड़ा डर लगने लगा था कि इस घर में इतना सन्नाटा क्यों पसरा हुआ है और वह कुएं के पास जो लड़की खेल रही थी वह कहाॅं गई ??
स्वपना डरते – डरते किचन के दरवाजे की तरफ बढ़ती है । कटोरी , चम्मच , कड़ाही और करछी को हवा में घूमते हुए देखकर स्वपना की जान हलक में आ जाती है । स्वपना भागने के लिए जैसे ही मुड़ती है तभी उसकी नज़र हाॅल में हवा में लटकते हुए सिरों पर जाती है ।
स्वपना की चीख यह देखकर निकल पड़ती है कि कुएं के पास खेलती लड़की का सिर भी और सिरों के साथ हवा में लटकते हुए दिख रहा था। वह जहाॅं खड़ी थी उसके चारों ओर लटकती हुई सिर ही दिखाई दे रहे थे ।
स्वपना आगे भागने लगती है और लटकते हुए सिर
उसके पीछे । वह दरवाजे के पास पहुॅंचने ही वाली होती है कि दरवाजा धड़ाक करके अपने आप बंद हो जाता है । वह नजर नीचे करके डर के मारे काॅंपने लगती है ।
आज के बाद इस हवेली में कदम भी नहीं रखना । हम तुम्हें वार्निंग दे रहे हैं कि अगर आज के बाद तुमने इस घर में कदम रखा तुम बचोगी नहीं । ऐसी आवाजें उस हाॅल में गूंजने लगी ।
स्वपना ने काॅंपते हुए अपने सिर को हिलाया क्योंकि डर के मारे उसके मुंह से कुछ आवाज ही नहीं निकल रही थी । दरवाजा अचानक से खुला देखकर स्वपना वहाॅं से दौड़ते हुए बाहर निकल जाती है और अपने घर में जाकर अपने बेड पर निढाल होकर गिर पड़ती है ।
यह क्या था ??? स्वपना की समझ में अभी तक कुछ भी नहीं आ रहा था। वह आधे घंटे तक वैसे ही निढा़ल पड़ी रही ।
दीदी …. दीदी …. कहाॅं है आप ??? स्वपना अपने छोटे भाई की आवाज सुनकर ऑंखें खोलती है ।
अभी तक आप सो रही है ?? स्वपना के छोटे भाई ने स्वपना से कहा ।
स्वपना कुछ नहीं बोलती । वह बेड पर उठकर बैठ जाती है । स्वपना को मार्च के महीने में ही पसीने से तर-बतर देखकर स्वपना का छोटा भाई हैरान रह जाता है । वह अपनी बड़ी बहन स्वपना से कहता है कि आपकी तबीयत तो ठीक है ना दीदी ??
इतना पसीना इस मौसम में ??
एकाएक दरवाजे का डोर बेल बजते हुए सुनकर स्वपना डर जाती है और अपने भाई से कहती है कि पहले कीहोल से देख लेना और उससे पूछताछ करके ही उसे अंदर बिठाना ।
अंदर के कमरे से एक अजनबी आदमी की आवाज सुनकर वह अपने बेडरूम से बाहर निकलती है ।
प्रणाम मैडम ! हम राधेश्याम आपके बैंक में क्लर्क है और आपसे मिलने आए हैं । मैं एक सप्ताह से छुट्टी पर था और अपने गाॅंव गया हुआ था । आज ही वापस लौट कर आया तो पता चला कि हमारे बैंक की मैनेजर साहिबा हमारे कस्बे में आई है तों आपसे मिलने चला आया ।
स्वपना ने राधेश्याम जी से बैठने को कहा और सामने वाली कुर्सी पर खुद बैठ गई । वह कुछ बोलती राधेश्याम जी ने कहा कि मैडम ! हमें लगता है कि आपको इस जगह पर नहीं रहना चाहिए । अगर हमें पता होता कि हमारे बैंक के लोगों ने आपको यह घर दिलाया है तो हम उन्हें ऐसा करने ही नहीं देते । हमारी अनुपस्थिति में ऐसा हुआ है । हम आपकी भलाई सोच कर आपके पास आएं हैं । हमारी भी एक बेटी है जो आपसे दो से तीन साल ही छोटी होगी। आप जल्द से जल्द कहीं और रहने का प्रबंध कीजिए । हम आपकी मदद घर ढूंढने में करेंगे ।
आप कुछ जानते हैं इस जगह के बारे में ?? स्वपना जो अब तक चुप थी बोल पड़ी ।
जी हाॅं ! कुछ साल पहले आपके बगल वाली हवेली से एक पूरा का पूरा परिवार ही रातों – रात गायब हो गया
वह लोग कहाॅं गए ?? किसी को पता नहीं चल पाया । पुलिस भी आई थी लेकिन कुछ पता नहीं चला ।
इस हवेली में दो साल पहले एक लड़का किरायेदार बनकर आया था । वह भी रातों – रात गायब हो गया इसलिए हम आपको आगाह करने आए हैं कि आप यहाॅं नहीं रहें ??
आप मुझे इस एरिया के पुलिस कमिश्नर से मिला सकते है ?? स्वपना ने कहा ।
जी मैडम जरूर ! हम कल ही आपकी मुलाकात करा देते हैं ।
अगले दिन स्वपना और राधेश्याम जी पुलिस कमिश्नर के केबिन में बैठे थे । स्वपना ने अपनी आप-बीती पुलिस कमिश्नर को सुनाई और साथ ही उस वीरान हवेली के उस कुएं के बारे में भी बताया और कहा कि उस कुएं में या उसके आसपास कुछ तो है जो वह लड़की वहीं पर खेलती रहती है ।
स्वपना ने पुलिस कमिश्नर को यह भी बताया कि उसने कल शाम और आज सुबह भी उस लड़की को कुएं के पास ही खेलते देखा है।
पुलिस कमिश्नर के साथ स्वपना उस घर के बगीचे में स्थित कुएं के पास जाकर बताती है कि यही पर वह लड़की मुझे दिखाई देती है ।
पुलिस कमिश्नर अपने सिपाहियों को कुएं में उतारती है । कुआं पूरी तरह सूखा और गहरा होता है । कुएं के अंदर पुलिस को दस लाशें मिलती है ।
कुएं में रखी लाशों की बदबू हटाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया गया था ।
पुलिस उन लाशों का पोस्टमार्टम करवाती है और अनाम कातिलों के खिलाफ केस बनाकर उन्हें पकड़ने के प्रयास में जुट जाती है ।
पोस्टमार्टम के बाद पता चलता है कि वह दस लाशें वही थी जो रातों रात गायब हुई थी। राधेश्याम जी के द्वारा कही गई बातों के कारण ही तो स्वपना के दिमाग में यह बात आई थी कि पुलिस की मदद लेकर इस गुत्थी को सुलझाने का प्रयत्न किया जाए ।
स्वपना उन दसो लाशों को पुलिस के आदमियों और बैंक के आदमियों के द्वारा कब्रितान लेकर जाती है और उनके रीति रिवाजों के अनुसार उनको दफन करवा कर अपने घर वापस लौट आतीं हैं ।
आज उस घटना को हुए पाॅंच साल बीत चुके है लेकिन स्वपना को आज तक वह लड़की कुएं के पास नहीं दिखी ।
स्वपना आज वहाॅं से दूसरी जगह जा रही है । जाने से पहले वह एक बार फिर से वह उस वीरान हवेली में जाती है और उनसे मिलकर वह कुएं के पास जाकर उस लड़की को याद करते हुए कहती है कि तुमने ही तो मुझे यह हिंट दिया था कि हमलोगो की आत्मा इस कुएं में है । कुएं की आत्मा को मैंने तुम्हारी मदद से ही तों मुक्ति दिलाई है । तभी उसे अपने पीछे से पायल की आवाज़ सुनाई पड़ती है ।
पायल की आवाज सुनकर स्वपना पीछे मुड़ती है तों देखती है कि उसकी दो साल की बेटी मम्मा … मम्मा बोलते हुए उसके पास आ रही है । स्वपना दौड़ कर उसको गले लगा लेती है और उसके गालों पर ऑंखो से गिरते ऑंसू लुढ़कने लगते हैं ।
धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
” गुॅंजन कमल ” 💓💞💗