वंदना गीत
तर्ज क्या मिलिए ऐसे लोगों से……
वीणा पाणि मात भवानी वानी र्निमल कर दीजे।
वानी बन हर कंठ समानी, वरदानी मां वर दीजे।
1 आदि अनादि अम्बिका मां ने,सारा जगत रचाया है।महामाया की जग में माया, जिसमें जगत भ्रमाया है।
टेक उर अंतर में चाहत धन की, दया दृष्टि मां कर दीजे 0……….
2 जो भी दर पर तेरे आया,खाली हाथ न जा पाया।
रही कामना जिसकी जो भी , पूरी की, करके दाया।
टेक अलंकार, रस, छंद ,ताल, लय,काव्य कला उर भर दीजे0………
3 कल्पों से मां, उर में कामना,कवि सी, कविता लिख पाऊं।राग रागिनी सात स्वरों से तेरी सेवा कर पाऊं।
टेक केबल राम भजन में गांऊ कामना पूरी कर दीजे0….
बलराम यादव देवरा छतरपुर