क्या कहते हैं हमें यह वर्ण ,
क कम बोलो
 ख खराब मत करो जिंदगी
ग गमों को मात दो 
घ घरेलू हिंसा मत सहो 
च चमकेगी किस्मत मेहनत करो
 छ छल से कभी ना जीतोगे
 ज जल के महत्व को समझो
 झ झड़ जाएंगे दुख सारे
ट टंकार की तरह गूंजे देशभक्ति
ठ ठहरो अगर जरूरत हो देश को
ड डालो बसेरा लोगों के दिलों में
ढ ढक दो सब अवगुण
 त तकदीर के भरोसे मत रहो
 थ थमी हुई जिंदगी में उमंग पैदा करें 
 द दलित कोई जाति नहीं हमारी सोच है 
  ध धीरे-धीरे पर चलते रहो 
न नमक से जिंदगी में ना अति अच्छी ना कमी
प पाक  रखो दिल को अपने
फ फल मिलेगा जरूर मेहनत से मत घबरा
 ब बातें कम काम ज्यादा 
भ भलाई रंग लाती है 
म मेहनत का फल मीठा है
 य याद उन्हें करो जो तुम्हारी कदर करें
र रचदो नया इतिहास 
ल लालच बुरी बला
व वीरतासे करो मुकाबला हर दुख का 
श शर्म आंखों में हो तो पर्दा कैसा
स सहमति सबसे काम अपनी मति से
  ह हानि लाभ जीवन के दो भाग
क्ष क्षमादान सर्वश्रेष्ठ
त्राहि-त्राहि मत करो
ज्ञ ज्ञानी बनो।
स्वरचित सीमा कौशल यमुनानगर हरियाणा
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