संसार में हजारों प्रजातियों के यह पक्षी हैं।
कुछ तो सभी जगह पे कुछ विदेशी
पक्षी हैं।
उड़ते उड़ते दूर देश से कहाँ कहाँ ये
जाते हैं।
भारत में भी उड़ते हुए प्रवासी पक्षी
आते हैं।
खास तौर से गर्मी का दिन होए यह
दुःखद।
हिन्द देश में पर्यावरण वातावरण ये
सुखद।
इसी लिए प्रवासी पक्षी भी भारत में
आते हैं।
4-6माह रंग बिरंगे पक्षी कलरव कर
जाते हैं।
कुछदिन यहाँ बिताते हैं फिर ये लौट
जाते हैं।
100 से हजारों मील की दूरियाँ तय
जाते हैं।
प्रवासी पक्षी गगन में उड़ते धरती पे
आते हैं।
तालाबों चरागाहों परती खेतों में रह
जाते हैं।
जल थल वन खेतों में जो मिल जाए
खाते हैं।
कीड़े मकोड़े मछली अन्न फल भी ये
खाते हैं।
लाल पीले हरे नीले सफेद सुंदर पक्षी
आते हैं।
नील गगन में फिर ये पक्षी उड़ते उड़ते
जाते हैं।
कभी कभी यह पक्षी उड़ते उड़ते थक
जाते हैं।
इन्हें चारा दिखता है तो उतर कुछ देर जाते हैं।
कभी कभी मीलों सफर में पक्षी थक
जाते हैं।
भूख प्यास थकान से चूर हो गिर मर
जाते हैं।
ये भोजन पानी व संरक्षण को उड़कर
आते हैं।
हम देंगे इन्हें सुरक्षा तभी प्रवासी पक्षी
पाते हैं।
इनका भी ध्यान रखें जब ये भारत में
उड़ आते हैं।
विश्व प्रवासी पक्षी दिवस इसी लिए ये
मनाते हैं।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पीबी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.