पक्षी अपने व बच्चों के जीवन यापन हेतु  इधर उधर विचरता है 
मौसम की मार उसे जब पड़ती, दूर देश को जाता है !
परिस्थिति अनुसार आवास बनाता, वहीं ठहर वो जाता है ,
कुछ दिन प्रवास के बाद वो अपने, देश को वापस आता है !! 
पहले ये पक्षी कहीं पेड़ पर ही घर बनाते थे 
थक कर अपनी प्यास बुझाने नदी नाले के पास वो जाते थे !
किंतु अब तो वृक्ष देश में कहां बच पा रहे 
नदी नाले भी सूख के  पानी को तरसा रहे !!
इसी लिए पक्षियों की जाति ,धीरे धीरे विलुप्त हो रही
प्रदूषण के कारण उनकी जाने देखो जा रही !
अतः इनके संरक्षण हेतु,विश्व प्रवासी दिवस मनाया है जाता
 मई और अक्टूबर के दूसरे सप्ताह के शनिवार को दिवस आयोजित है होता!!
इस साल 2022को 14मई और 8अक्टूबर को मनाया जाएगा!
दूसरे देश से आने वाले पक्षी साइबेरियन, सारस अमूर फाल्कन एशियाई कोयल को संरक्षण दिलवाया जाएगा !!
पक्षी हमारे लिए समझ लो बहुत उपयोगी होते है 
इनके द्वारा ही फूलों में परागकण प्रक्रिया ,बीज  फैलाव कीट नियंत्रण किए जाते हैं!
उद्देश्य हमारा प्राकृतिक विरासत पक्षियों को बचाना है 
दूर देश से लौट कर स्वदेश वो लौटें 
जागरूक लोगो को करना है!!
प्रतिदिन उनके पीने हेतु पानी ,मुंडेर या छत पे सब रखो 
खाने हेतु दाना छत ,बगीचे में रखना अपना फर्ज समझो!
इस वर्ष की थीम
 “प्रकाश प्रदूषण का पक्षियों पर प्रभाव “है 
इस साल का नारा
“रात में  पक्षियों के लिए रोशनी कम करना “है !!
पूनम श्रीवास्तव
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *