जाने की तारीख,
नजदीक आते आते
बेटे का मन यू चुपचाप से सोचे
मां का आंचल छूट रहा
व्याकुल मन है घबराया…
शहर ,गलियां, घर छूट रहा,
किताबें और कपड़े को सहेजता
मन को है मनवाया…
चला सपनों की उड़ान भरने मां ,
मैं हूं अब तैयार
आंसुओं को अपने छिपाएं
ले रहा मां का आशीर्वाद…
मां बिल्कुल है स्तब्ध खड़ी ,
अपने लाल का माथा चूम रही
अपने आंसुओं को छुपाए
मां दुआएं बेटे को दे रही…
कदम तेरे ना डगमगाए,
मन को अटल कर रखना
बाधाएं तो आएगी जीवन में
हौसले बुलंद कर
आगे कदम बढ़ाना…
ख्वाब जो देखे है तूने,
उन्हें पूरे कर, सफलता की सीढ़ी चढ़ते जाना
मां की दुआएं साथ रहे सदा, जीवन में
अपना जीवन सफल करते जाना…
मंजू रात्रे  ( कर्नाटक )
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