वह लंबे बालों वाली लड़की
हाथ से लपेटे लंबे घने उलझे बालों का
 यूं ही बना कर जूड़ा,
 कितने ख्वाब लपेट जाती है एक औरत।
 जिन बालों को मां तेल में डुबो,
 रिबन से मरोड़ कसकस कर गूंथती थी
 कि किसी की नजर ना लगे।
 जिन बालों को आईने में देख 
खुद से ही नजर ना हटती थी कभी।
 जब सुनती थी अपने ही लिए उपाधि 
वह लंबे बालों वाली लड़की कभी
तो गुरूर से आसमान में उड़ जाती थी ।
उन्हीं बालों को अक्सर लपेट लेती है ,
लापरवाही से और लिपट जाते हैं 
ना जाने कितने कीमती एहसास
उसकी अपनी जिंदगी के उलझते से बालों में ।
जो बचा कर रखी है उसने केवल
 एक परिवार को खुश करने के लिए ,
पति की नई तरक्की के लिए,
 बच्चों की नई मंजिलों के लिए,
 सबकी एक मुस्कुराहट के लिए,
 केवल कुछ अल्फाजों को सुनने के लिए ,
कि तुम बहुत जरूरी हो हमारे लिए ,
पर अकाल पड़ा रहता है 
ताउम्र उन्हीं दो शब्दों का 
जो उसकी खासियत को बताते हैं 
हां कमियां गिनते गिनते सब की उम्र निकल जाती है।
 उस लंबे बालों वाली लड़की की
 ना जाने क्यों न जाने क्यों?????
स्वरचित सीमा कौशल यमुनानगर हरियाणा
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