……. अरे रमा…. क्या बताऊं तुम्हें…. प्रिया तो मेरे बेटे की आधी तनख्वाह अपने सजने संवरने पर ही खर्च कर देती है। एक लिपस्टिक पांच सौ रुपए की खरीदती है। अब तुम ही बताओ… क्या हम लोगों ने कभी इतनी महंगी लिपस्टिक ली थी।…रमा अपनी हम उम्र पड़ोसन से अपनी बहु की बुराई कर रही थी।
पिछले महीने ना जाने कौन सा काजल लाई थी और बड़ी खुश होकर कह रही थी… मांजी यह आखों में फैलेगा नहीं ,जब मैंने दाम पूछे तो ₹300 बताएं। अब हम लोगों को देखो सरसों के तेल के दीए से काजल पार कर बच्चों को लगाया और बड़े किए, आज तक किसी की आंखों में चश्मा तक नहीं लगा है । और यह महारानी 300 रुपए का काजल लगाएगी। मेरा बेचारा अमित तो इनकी इच्छा पूरी करने में ही आधा हुआ जा रहा है। जाने कैसे-कैसे पाउडर, क्रीम ,मसकारा और ना जाने क्या क्या खरीद कर लगाती रहती हैं, मुझे तो सारी मेकअप की चीजों के नाम तक नहीं पता । सुबह-सुबह नहा धोकर पहले तैयार होती हैं, घर के काम बाद में करती है। हफ्ते में दो बार अमित के साथ शाम को सज संवर कर घूमने भी जाएगी।
…. अरे मम्मी यहां बाहर बैठी हो कब से बुला रही हूं…. रमा की 18 वर्षीय बेटी बाहर आकर मां पर बरस पड़ी । ..हां तो चीख क्यों रही है, क्या बात है,,… रमा ने पूछा। तेरह सौ रूपए दे दो, मेरा एक ऑनलाइन आर्डर आ रहा है, अभी-अभी डिलीवरी ब्वॉय का फोन आया था……। ठीक है ,पर्स बेड के किनारे वाली अलमारी में रखा है , उसमें से ले ले । पर आर्डर है क्या…. रमा ने पूछा ।एक लिपस्टिक और मस्कारा…. रमा की बेटी घर के अंदर जाते-जाते बोली।
स्वरचित
साधना सिंह