बदल रहे है लोग, बदल रही है दुनिया, 
बदल रहे खेल, पढाई के तौर तरीके, 
     नेट के द्वारा ही सब सेट, 
हम इंसान ही हो जैसे चलते फिरते रोबोट, 
अब तो किसी भी रिश्ते से हो जाते कट, 
    बस विधुत और खून का ही है फर्क़, 
        काम तो दोनों ही करते डट, 
फिर भी  सोचता इंसान की काश होता , 
   पास मेरे भी एक रोबोट , 
सब काम करता वो फास्ट फास्ट, 
ना कोई डाट न कोई फटकार , 
बच्चों के साथ खेलता दिन रात, 
जिने की राह हो जाती आसान। 
पर आने वाले समय मे मिलते दुष्परिणाम, 
फिर हर तरफ जीते जागते रोबोट नजर आएगे।।
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