” रिश्ते ” जो हमें एक डोर की तरह आपस में बांध कर रखते हैं । रिश्ते जो हमारे अंदर जज्बात पैदा करते हैं और हमें जोड़ कर रखते हैं ।
हमारे जिंदगी को बेहतर बनाते हैं आगे बढ़ने में सहायता करते हैं पर शायद आज रिश्तो के मायने बदलते जा रहे हैं ।
     चाहे कोई भी रिश्ता हो टूटा हो या छुटा हो एक बार गांठ पड़ जाए तो फिर से नहीं जुड़ती है ।
रिश्ते कांच की तरह नाजुक होते हैं अगर यह समझ गये तो जीवन खुशियों से भर देते हैं नहीं तो जीवन भर चुभते हैं ।
रिश्तो में निखार लाने के लिए हमें खुद को भी बदलना चाहिए।
बेवजह नाराजगी से रिश्ते बिखर जाते हैं वक्त रहते संभल गए तो जीवन सफल हो जाते हैं ।
मंजू  रात्रे (कर्नाटक )
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