बेटा तुमने मुझपर जो अहसान किया है ,उसे मैं कभी भूल नहीं सकता हूं_ गिड़गिड़ाते हुए नीला के पिता ने साहिल से कहा।
अरे अंकल आप मुझे बेवजह शर्मिंदा कर रहे हैं,ये तो मेरा फर्ज था_साहिल ने नीला के पिता का हाथ पकड़ कर कहा।
आज नीला का दूसरा जन्म हुआ था,वो भी साहिल की  बदौलत।
साहिल अगर उसे सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाता और उसके लिए खून का प्रबंध नहीं करता तो शायद नीला और उसके बच्चे इस दुनिया में नहीं होते।
आज राजेंद्र बाबू पछता रहे थे , आत्मग्लानि से उनका सर झुका जा रहा था ,वो किसी से नजरें नहीं मिला पा रहे थे।
पता नहीं क्या देखा था राहुल में ,उसे देखते ही पसंद कर लिया था,राहुल  सरकारी बीमा एजेंट था।
  राजेंद्र जी का बीमा  घोष बाबू करते थे उन्हें कुछ पारिवारिक कारणों  से कोलकता जाना हुआ, इसलिए घोष बाबू ने राहुल को उनके घर भेज दिया था यहीं राहुल से उनकी पहली मुलाकात थी। 
राजेंद्र बाबू उतावले हुए जा रहे थे राहुल के बारे में जानने को।
आखिर घोष बाबू के लौटने के बाद राजेंद्र बाबू ने , घोष बाबू  को अपने घर चाय पर बुलाया ताकि वे राहुल के बारे में जान सकें।
घोष बाबू आपने जिस लड़के को मेरे घर भेजा था ,वो कैसा है?_राजेंद्र बाबू के इस प्रश्न को सुन घोष बाबू चौंके।
फिर मुस्कुरा कर पूछा _क्यों क्या बात है ,बिटिया के लिए पूछ रहे हैं क्या?
हां घोष बाबू आप तो जानते हैं बिटिया शादी लायक हो गई है ,कोई ढंग का रिश्ता मिल जाता तो उसके हाथ पीले कर देता।
राहुल के बारे में क्या राय है? मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा है ।आप उसके बारे में जानते हैं?_उत्सुकता से राजेंद्र बाबू ने कहा।
हां थोड़ा बहुत जानता हूं, पिता नहीं हैं,बस मां है ।
राहुल होनहार है ,अभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी  कर रहा है।मुझे तो उसका भविष्य उज्जवल लग रहा।लेकिन शादी एक संवेदनशील मामला है ,आप उसके  बारे में अच्छे से जांच पड़ताल कर लीजिएगा,ये मेरी अपनी राय है_घोष बाबू ने चाय का प्याला खाली करते हुए कहा।
अच्छा तो अब मैं चलता हूं मुझे और भी लोगों के घर जाना है ,थोड़ी जल्दी है _आगे घोष बाबू ने कहा।
राजेंद्र बाबू पर तो जैसे राहुल का जादू सर चढ़ कर बोल रहा था।
एक दिन घोष बाबू को साथ  लेकर राहुल के घर धमक गए।राहुल और उसकी मां ने  बहुत अच्छे से सत्कार किया  मौका देखते ही राजेंद्र बाबू ने राहुल की मां से शादी की बात छेड़ दी।
राहुल की मां ने कहा देखिए मुझे कोई ऐतराज नहीं है ।
 लड़की देखने से पहले मैं कुंडली मिलान करवाना चाहती हूं ,, मैं थोड़ा पुराने विचारों की हूं।
राजेंद्र बाबू ने कोई बात नहीं ,आप जैसा उचित समझें।
जल्दी ही दोनों की कुंडली मिल गई ,काफी दान दहेज दे कर  राजेंद्र बाबू ने नीला को विदा किया ।
सब कुछ ठीक ठाक था ,लेकिन एक बात नीला को हमेशा से खटक रही थी दोनों मां ,बेटे दकियानूसी विचार के थे। शिक्षा राहुल के मन और घर में उजाला नहीं फैला सका था।
कुछ ही दिनों बाद राहुल की नौकरी दूसरे शहर में बैंक में हो गई।
नीला पेट से थी,राहुल की मां कुछ न कुछ टोटका नीला से कराती रहती।
नीला एनीमिक थी ,उसके पैरों में सूजन आ गई , राहुल की मां ने अस्पताल न दिखा कर ,और उल्टा सुनाती कि हम तो अपने पूरे दिन में भी काम करते थे ,ये सब काम न कर बैठने का परिणाम है।
नीला की हिम्मत ही नहीं होती थी ,थकान महसूस होती थी ।
बगल के घर में रीना का परिवार रहता था,रीना के घर में उसके पति और बेटा साहिल थे ,लेकिन राहुल की मां किसी से न खुद बात करती थी ना नीला को बात करने देती थी।
कभी कभी जब राहुल की मां  बाहर बाजार जाती   तो रीना ,नीला का हाल चाल ले लेती।
आज नीला को बहुत दर्द हो रहा था।राहुल और उसकी मां  पड़ोस में किसी रिश्तेदार की शादी में गए थे।
नीला के कराहने की आवाज सुन रीना अंदर आई ,नीला की हालत बहुत खराब थी।
रीना ने घबरा कर साहिल को बुलाया ,और हॉस्पिटल ले गए।
रीना के पति ने राहुल को फोन किया ।
नीला की हालत बहुत खराब थी ,उसे तुरंत खून की जरूरत थी।
नीला का खून A पॉजिटिव था ,जो कि उस समय ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं था।
राहुल का ब्लड ग्रुप o पॉजिटिव था ,सब उसकी तरफ देख रहे थे ,डॉक्टर ज्यादातर परिवार वालों से खून लेकर एक्सचेंज कर खून मरीज को चढ़ा देते हैं।
राहुल की मां ने धीरे से राहुल को इशारा किया ,और दोनों वहां से निकल गए।साहिल ये सब देख रहा था उसने तुरंत अपना खून चेक कराया ,खुशकिस्मती से उसका खून नीला के खून से मेल खा गया ,उसने अपने और अपने दोस्तों को बुला खून की कमी पूरी की।
प्रीमेच्योर बच्चे को नीला ने जन्म दिया।उसे एनआईसीयू में रख दिया गया।
नीला के पिता ,रिश्तेदार सब नीला की हालत सुन दौड़े आए।हर कोई नीला की सास और पति को भला बुरा कह रहा था।
नीला ने बच्चे को जन्म दे दिया ,अब उसकी हालत ठीक है सुन दोनों घर से अस्पताल वापस आ गए।
राजेंद्र जी ने जैसे उन्हें देखा उनके अंदर का गुबार फूट पड़ा।
आज मेरी बेटी किसी तरह मौत के मुंह से लौट कर आई ,अब आपलोगों का क्या काम ।आज रीना जी और साहिल बेटा न होते तो मैं नीला की मरहूम मां को क्या जवाब देता।
राहुल और उसकी मां का मुंह काला हुआ था ,वे  बार बार माफी मांग रहे थे।
आखिर उन्होंने माना कि उन्हें खून देने में डर लगता है। काफी हंगामा जब अस्पताल में होने लगा तो , कुछ स्वयं सेवी संगठन ,और डॉक्टर आगे आए और उन्होंने  ब्लड डोनेशन के बारे में राहुल को और उसकी मां को और जो भी लोग वहां उपस्थित थे ।
रक्त दान महादान है।
खून का एक कतरा किसी की जिंदगी बचा सकता है ,भारत में ज्यादातर लोग ,एक्सीडेंट,प्रसव ,और गंभीर बीमारियों में खून की कमी से मर जाते हैं।
रक्त दान से न कमजोरी आती है।
न ही किसी प्रकार का इन्फेक्शन का खतरा है।
18 से 60 साल का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्त दान कर सकता है,बशर्ते कुछ गंभीर बीमारियों से जूझते लोगों को छोड़ कर।
गर्भवती महिला भी रक्त दान नहीं कर सकती ।
रक्त दान साल में 4 बार किया जा सकता है।
अगर आप रक्तदान करते हैं तो अनजाने में आपका किसी से रिश्ता जुड़ जाता है।
आप कई बीमारियों से भी मुक्त होते हैं।
राहुल और उसकी मां की बात पूरी तरह से समझ आ गई।उसके बाद से नीला की सास पूरी तरह बदल गई ,अंधविश्वास , बाबाओं के चंगुल से खुद को मुक्त कर लिया ,अब नीला खुश थी ,राहुल भी हर तीन महीने बाद स्वेच्छा से रक्त दान करने लगा।
समाप्त
संगीता सिंह
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *