बदल गया मौसम
बरस गए बादल।
ठंड में जल रहे
सब जगह अलाव।।
गरम गरम चाय के साथ बनी भजिया।
लड्डू खुरमा से भर थाली ।
दादी और अम्मा की हो रही बतियाँ।।
छिड़ी बातें तो याद आए किस्से ।
हँसी की छुटीं फुलझड़ियाँ।।
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित सर्वाधिकार सुरक्षित डॉक्टर आशा श्रीवास्तव जबलपुर