मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर, अब तुम यहाँ आबाद रहो। बेफिक्र रहो अब मुझसे तुम, मौज करो आजाद रहो।। मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर——————————–।।
शायद मुझसे यह शिकायत है, मैं पत्थर हूँ तेरी राह में। मैं हाजत हूँ तुम्हारे लिए, बेख्याल हूँ मैं तेरी चाह में।। नाराज नहीं हूँ मैं तुमसे, तुम मस्त रहो खुशहाल रहो। बेफिक्र रहो अब मुझसे तुम, मौज करो आजाद रहो।। मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर——————————।।
तुम्हारी तरहां मेरा नसीब नहीं, नादार हूँ मैं मजबूर हूँ आज। तुमको मुबारक यह नसीब, रोशन रहे सदा तुम्हारा ताज।। यहाँ राज तुम्हारा बेखौफ रहे, तुम बनकै हमेशा साज रहो। बेफिक्र रहो अब मुझसे तुम, मौज करो आजाद रहो।। मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर—————————–।।
ये कलियां- बहारें, चांद- सितारें, करता हूँ दुहा तेरे साथ रहे। ना कोई मिले गम मेरी तरहां, हर गम सदा तुमसे दूर रहे।। रोशन रहे तुम्हारी दुनिया, तुम बनकै हमेशा चिराग रहो। बेफिक्र रहो अब मुझसे तुम, मौज करो आजाद रहो।। मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर—————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
एक शिक्षक एवं साहित्यकार(तहसील एवं जिला- बारां, राजस्थान)
पोस्टेड स्कूल- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नांदिया, तहसील- पिण्डवाड़ा, जिला- सिरोही(राजस्थान)
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