मेरा दिल खुशियों से अब खिल गया,
सारे जहां का सुकून मुझे मिल गया,
जब से तुम बन गये मेरे जीवनसाथी,
लगा प्रार्थनाओं का फल मिल गया।
तेरे बिन मन की वीणा में झंकार न थी,
तेरे बिन चमन में आई बहार न थी,
तुमसे मिल खुशियां का दामन थामा 
तेरे बिन दुनिया कभी गुलज़ार न थी।
तू मिला तो गम का बादल छट गया
तू मिला तो डूबते को सहारा मिलगया
असर दुआओं का रंग लायेगा ऐसे भी 
तू मिला तो लगा जैसे रब मिल गया।
स्वरचित
शैली भागवत ‘आस’
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