जब चमकती है चमचम मेरी बिंदिया
चांदँ सूरज जैसे मुखड़े पर सजे
आती है लाज मुझको साजन
जब जब तू प्यार से आलिंगन करें
कानों की बाली चूमे गाल
बालों की लट झूम झूम इतराएं
गले में जब हो तेरी बाँहे
मेरा रोम रोम खिल जाए
नजरों से तेरी जब मेरी नज़रे मिले
हो समय वो रंगीन प्रिय
जब तू मेरे साथ हाथ पकड़ कर चले
सारी दुनिया हो मेरे साथ प्रियतम
जब तेरे क़दमों से मेरे कदम मिले
मेरे सोलह श्रृंगार तुम से
तुम से ही मेरी सुहाग की मांग सजे
तुम धूप , तो मैं तेरी छाया साजन
तुम से ही तो मेरे सातो जन्म खिले ,,,,
© रेणु सिंह ” राधे ” ✍️
कोटा राजस्थान